डेंगू से उदयपुर की RAS अधिकारी की मौत, 17 दिन से चेन्नई में चल रहा इलाज, अब तक 5 की गई जान

Rajasthan Dengue Report: राजस्थान में डेंगू अब डराने लगा है. प्रदेश में अभी तक डेंगू से 5 लोगों की मौत हो चुकी है. खास बात यह है कि डेंगू से मरने वाले ज्यादातर लोग हाई प्रोफाइल ही है.

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आरएएस अधिकारी तरु सुराणा (फाइल फोटो)

RAS officer Taru Surana Dies: राजस्थान की एक और होनहार अधिकारी बीमारी की भेंट चढ़ गई. जोधपुर की SDM प्रियंका बिश्नोई के बाद अब उदयपुर की RAS अधिकारी डॉ. तरु सुराणा की डेंगू से मौत हो गई है. तरु उदयपुर की ही रहने वाली थी और उदयपुर में DIG स्टांप पर पर तैनात थी. इसी दौरान उन्हें डेंगू हुआ और उपचार शुरू किया. हालत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें उदयपुर से एयरलिफ्ट भी किया गया. चेन्नई में एक हॉस्पिटल में उपचार के दौरान आज उन्होंने अंतिम सांस ली. तरु सुराणा के निधन के बाद RAS एसोसिएशन ने दुख व्यक्त किया है.

राजस्थान में अभी तक डेंगू से 5 लोगों की मौत हुई है. जिसमें दौसा की लेडी डॉक्टर ज्योति मीणा, कोटा की नर्सिंग स्टूडेंट नाजिया खानम, पाली के बिजनेसमैन सुरेश घांची,  झुंझुनूं की खेरूनिशा और उदयपुर की आरएएस अधिकारी तरु सुराणा शामिल हैं. 

काफी पढ़ी-लिखी थी आरएएस अधिकारी तरु

आरएएस अधिकारी तरु सुराणा का जन्म 1 जुलाई 1982 को हुआ था. 42 वर्षीया तरु काफी शिक्षित थी. उन्होंने नेट भी क्वालीफाई किया था. एमए सोशियोलॉजी, पीएचडी इन सोशियोलॉजी से शिक्षित थी. उनकी पहली पोस्टिंग वर्ष 2011 में राजसमंद जिले में ट्रेनी ADM के रूप में हुई थी.  इसके बाद बांसवाड़ा जिले में भी पोस्टेड रहीं. वहीं लंबे समय से अलग अलग पद पर उदयपुर जिले में ही तैनात रहीं.

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उदयपुर के निजी हॉस्पिटल से चेन्नई हुई थी रेफर

बताया गया कि तरु की शुरुआत में तबीयत बिगड़ने पर उन्हें उदयपुर के ही निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया. जहां डेंगू पॉजिटिव होना सामने आया. इसके बाद उपचार शुरू हुआ और उदयपुर के ही अन्य निजी हॉस्पिटल में उनको लेकर गए. वहां भी उपचार हुआ लेकिन हार्ट संबंधित परेशानी आने के कारण उन्हें उदयपुर से चेन्नई एयरलिफ्ट किया गया. चेन्नई में हार्ट ट्रांसप्लांट की भी कोशिशें की गई लेकिन उनका निधन हो गया.

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आरएएस एसोसिशन आया आगे, की आर्थिक मदद

तरु की मौत पर आरएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर खराड़ी ने बताया कि यह काफी दुखद है. होनहार अधिकारी दुनिया छोड़ कर गई. डेंगू पॉजिटिव होने के बाद उपचार चला और फिर हार्ट संबंधित समस्या सामने आई तो उन्हें एयरलिफ्ट किया गया. एसोसिएशन ने इसके लिए उपचार के लिए 25 लाख रुपए जोड़े. हार्ट ट्रांसप्लांट होने के लिए भी आर्थिक मदद करते और राज्य सरकार से भी बात चल रही थी लेकिन उससे पहले उनका निधन हो गया.

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माता-पिता की सेवा के लिए शादी नहीं करना चाहती थी

तरु की छोटी बहन है, जिसकी तरु ने पिछले वर्ष ही शादी कराई थी. वहीं उनका एक छोटा भाई भी है. अधिकारी बताते है कि तरु ने शुरू से ही मन बना लिया था कि उन्हें शादी नहीं करनी है. वह बस अपने माता-पिता के साथ रहना चाहती थी और उन्हीं की सेवा करना चाहती थी. इसी कारण अब तक उन्होंने शादी नहीं की.

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