Premature Menopause: कुछ महिलाओं ने प्रीमैच्योर मेनोपॉज के दौरान डिप्रेशन का अनुभव किया है. इस पर वैज्ञानिकों ने एक स्टडी की और पाया कि मेनोपॉज के लक्षणों का गंभीर होना और भावनात्मक सहारे की कमी के चलते कई महिलाओं को मेनोपॉज की शुरुआत में डिप्रेशन हो सकता है.
प्रीमैच्योर मेनोपॉजज को मेडिकल भाषा में प्रीमैच्योर ओवेरियन इन्सफीशियन्सी (पीओआई) कहा जाता है. इसमें अंडाशय जल्दी काम करना बंद कर देते हैं, जिससे महिला के शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है. स्टडी में पाया गया है कि जिन महिलाओं को यह समस्या होती है, उनमें पूरी जिंदगी में डिप्रेशन और एंग्जायटी होने का खतरा ज्यादा होता है.
इन कारणों में कम उम्र में बीमारी का पता लगना, मेनोपॉज के लक्षण बहुत ज्यादा गंभीर होना, भावनात्मक सहारे की कमी होना और प्रजनन क्षमता की कमी आना शामिल है.
मेनोपॉज सोसाइटी की एसोसिएट मेडिकल डायरेक्टर डॉ. मोनिका क्रिसमस ने कहा, "जिन महिलाओं को पीओआई होता है, उनमें डिप्रेशन बहुत आम है. इसलिए यह बहुत जरूरी है कि इन महिलाओं की नियमित जांच की जाए ताकि उनकी मानसिक स्थिति को जल्दी पहचाना जा सके और उन्हें ठीक किया जा सके."
इस अध्ययन में 345 ऐसी महिलाओं को शामिल किया गया जो पीओआई से पीड़ित हैं. उनमें से लगभग 29.9 प्रतिशत महिलाओं को डिप्रेशन के लक्षण दिखे. जिन महिलाओं ने हार्मोन थेरेपी एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टोजन ली थी और जिन महिलाओं ने ये थेरेपी नहीं ली थी, उनके डिप्रेशन के लक्षणों में कोई खास फर्क सामने नहीं आया.
डॉ. क्रिसमस ने कहा, ''हार्मोन थेरेपी पीओआई पीड़ित महिलाओं के लिए मेनोपॉज से जुड़ी कुछ समस्याओं को कम करने और उनकी सेहत बचाने के लिए सामान्य इलाज है. लेकिन, डिप्रेशन के इलाज के लिए हार्मोन थेरेपी प्राथमिक विकल्प नहीं है.''
ये भी पढ़ें- Mother's Day 2025: हर रिश्ता मतलब का देखा, लेकिन तेरा मां..., इस 'मदर्स डे' ऐसे करें विश