हमारा देश आर्थिक तरक्की में दुनियां की पांचवीं महाशक्ति बनने की दहलीज पर है. देश आजादी के 76 साल पूरा होने के मौके पर एक तरफ जहां देश अमृत महोत्सव मना रहा है, वहीं देश के अनेकों ऐसे गांव भी है, जो अभी भी मूलभूत सुविधाओं की बाट जोह रहे है.
यह पुरसाहाल सिरोही जिले के अंतर्गत आबू रोड के इडरमाल और बांदियागढ़ गांव की है, जहां लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. कितनी ही सरकारें आईं और गईं, लेकिन जनप्रतिनिधि सिर्फ यहां के वाशिन्दों को बस वोट की मशीन की तरह ही इस्तेमाल करते रहे. हर बार वादा किया, लेकिन निभाया नहीं गया.
पुल न होने की वजह से रपटा पार करती महिलायें
रिपोर्ट के मुताबिक मानसून विदा हो जाने के बाद भी इडरमाल और बांदियागढ़ गांव के लोग रपटा पर चलने को मजबूर है. यहां लोग बड़े सम्भल कर आवागमन करते है. जब यहां बारिश का दौर शुरू होता है. तो यहां के लोग का सम्पर्क बाकी दुनिया से कट जाता है. ऐसे में गांव के लोग हर तरह की सुविधाओं से वंचित हो जाते हैं.
यही वजह है कि इडरमाल और बांदियागढ़ गांव के लोगों ने आगामी विधानसभा चुनाव में पुल नहीं तो वोट नहीं की नीति का पालन करेंगे. उनका कहना है जब तक उनके गांव पुल नहीं बनने का आश्वासन नहीं मिलेगा, तब तक वो लोग वोट नहीं देने जाएंगे.