25 लाख टर्नओवर वाले परिवार भी ले रहे फ्री का राशन, 13,603 परिवार चिह्नित; लिस्ट बनाकर होगी वसूली

राजस्थान के डीडवाना-कुचामन जिले में खाद्य सुरक्षा योजना में बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है. जहां रईस और बिजनेसमैन परिवार गरीबों का राशन ले रहे थे, जिसने अब वसूली की कार्रवाई शुरू हो गई है. 

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डीडवाना-कुचामन जिले में खाद्य सुरक्षा योजना में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है.

Rajasthan News: राजस्थान के डीडवाना-कुचामन जिले में केंद्र सरकार की खाद्य सुरक्षा योजना में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. यह योजना गरीब और जरूरतमंद परिवारों को मुफ्त या कम कीमत पर राशन देने के लिए शुरू की गई थी, ताकि वे अपने परिवार का पेट पाल सकें. लेकिन हैरानी की बात है कि इस योजना का फायदा बड़े-बड़े बिजनेसमैन और लग्जरी जिंदगी जीने वाले लोग उठा रहे हैं. जिसमें जिला रसद विभाग ने ऐसे 13,603 परिवारों को चिह्नित किया है, जो अपात्र होने के बावजूद सरकारी गेहूं और राशन ले रहे थे. वहीं अब इनसे वसूली की तैयारी है.

कुछ परिवारों का सालाना टर्नओवर 25

जिला रसद अधिकारी उपेंद्र ढाका ने बताया कि जांच में पाया गया कि इन 13,603 परिवारों में कई रईस लोग शामिल हैं. इनमें 444 लोग बड़ी कंपनियों के डायरेक्टर हैं, 6,102 के पास चार पहिया गाड़ियां हैं, और 4,750 परिवारों की सालाना आय 6 लाख रुपये से ज्यादा है. इतना ही नहीं, कुछ परिवारों का सालाना टर्नओवर 25 लाख रुपये से भी अधिक है. इसके बावजूद ये लोग गरीबों के हक का राशन ले रहे थे.

जानें कहां-कहां पकड़े गए अपात्र

जिले के अलग-अलग ब्लॉकों में अपात्र परिवारों की पहचान की गई है. डीडवाना ब्लॉक में 3,466, कुचामन में 1,987, परबतसर में 1,965, मकराना में 3,021, नावां में 1,326 और लाडनूं में 1,838 परिवारों ने योजना का गलत फायदा उठाया. इनकी जांच आधार कार्ड, पैन कार्ड और इनकम टैक्स रिटर्न के आधार पर की गई.

संदिग्ध लाभार्थियों की सूची तैयार

केंद्र सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक रसद विभाग ने राशन कार्ड डाटा का विश्लेषण किया. आधार कार्ड, पैन कार्ड और टैक्स रिटर्न के जरिए अपात्र लोगों की पहचान हुई. इसके बाद प्रदेश के रसद विभाग को जांच सौंपी गई, जो अब संदिग्ध लाभार्थियों की सूची तैयार कर रहा है. इस पूरी प्रक्रिया को एक महीने में पूरा करने का लक्ष्य है.

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आगे की कार्रवाई शुरू

सरकार ने पहले ‘गिव अप' अभियान चलाकर अपात्र परिवारों को खुद योजना से बाहर होने का मौका दिया था. लेकिन 31 अक्टूबर तक जिन 13,603 परिवारों ने नाम नहीं हटवाया, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. इनसे अब तक लिए गए राशन और गेहूं की पूरी कीमत वसूली जाएगी. रसद विभाग ने इसके लिए विशेष योजना बनाई है.

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