Rajasthan Doctor's Negligence: राजस्थान के सरकारी अस्पताल में एक डॉक्टर की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यह मामला डीडवाना जिले के कुचामन सिटी के राजकीय जिला अस्पताल का है. जहां डॉक्टर ने महिला की डिलीवरी के समय सर्जरी के दौरान पेट में कपड़ा (गॉज) छोड़ दिया. मामले का खुलासा महिला के पेट में दर्द होने पर हुआ. इस मामले में सीएमएचओ ने जांच के आदेश दिए हैं. वहीं महिला के परिजनों ने अब राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. साथ ही महिला के पति पवन कुमार ने लापरवाह डॉक्टर के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया है.
डॉक्टर ने मरीज के पेट में छोड़ा कपड़ा
बता दें कि यह मामला जुलाई महीने का है. बीतें 1 जुलाई को पीड़ित महिला को प्रसव पीड़ा होने पर कुचामन सिटी के राजकीय जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया था. जहां डॉक्टर हरेंद्र नेत्रा ने सिजेरियन ऑपरेशन के जरिए डिलीवरी करवाई और बच्चे का जन्म हुआ. लेकिन ऑपरेशन के समय डॉक्टर ने मरीज के पेट में ही मेडिकल गॉज (कपड़ा) छोड़ दिया.
चिकित्सक की इस लापरवाही का खामियाजा महिला को भुगतना पड़ा. इसकी वजह से महिला के पेट में लगातार 3 महीनों तक तेज दर्द होने लगा. धीरे-धीरे मरीज की हालत गंभीर होने लगी और उसे गंभीर शारीरिक जटिलताओं का सामना करना पड़ा.
महिला के परिजन पहुंचे जोधपुर एम्स
अनेक शहरों में कई विशेषज्ञों से सलाह लेने के बावजूद महिला की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. थक-हारकर महिला के परिजन उसे लेकर जोधपुर के एम्स पहुंचे, उसके बाद एम्स जोधपुर में इलाज शुरू किया और वहां सिटी स्कैन के बाद फॉरेन बॉडी की बात सामने आई. इसके बाद एम्स के डॉक्टरों ने जब महिला का ऑपरेशन किया तो महिला के पेट में आंतों से चिपका हुआ कपड़ा (गॉज) पाया गया.
कपड़े का एक टुकड़ा सैंपल के लिए भेजा
यानी जब महिला का सिजेरियन ऑपरेशन हुआ था , तब डॉक्टर हरेंद्र नेत्रा और उनकी टीम ने लापरवाही की और एक बड़ा कपड़ा पेट में छोड़ दिया था. यह कपड़ा 3 महीने तक महिला के पेट में पड़ा रहा, जिससे आंतों में गंभीर क्षति हुई और मरीज की जान को खतरा हो गया.
महिला की सर्जरी से पेट से निकले कपड़े का एक टुकड़ा डॉक्टरों ने कल्चर जांच के लिए भेजा है, ताकि उसमें 3 महीने में पनपे बैक्टीरिया सहित अन्य रासायनिक क्रियाओं की जांच की जा सके.
हाईकोर्ट के वकील ने मानवाधिकार आयोग से की शिकायत
परिजनों ने इस मामले को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट पहुंच गए. जहां वकील सरवर खान ने इस मामले को लेकर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और मानवाधिकार आयोग में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर के खिलाफ शिकायत की है, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को होने से जा सके. सीएमएचओ डीडवाना ने बताया कि इस मामले में तीन सदस्य कमेटी का गठन किया है, जो पूरे मामले की जांच कर रही है. इस कमेटी ने लगभग अपनी जांच पूरी कर ली है और जल्द ही रिपोर्ट सीएमएचओ को सौंपेगी.
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