चूरू जिले के सादुलपुर शहर में एक 15 वर्षीय नाबालिग के साथ मारपीट और अत्याचार का मामला सामने आया है. बालिका के शरीर पर चोट और जलने के निशान मिले है, जो संभवतः गर्म सरिए अथवा जलती लड़कियों से दागने से हो सकते हैं. पीड़ित बालिका मूल रूप से महाराष्ट्र की है, जो अपने माता पिता के नाम तक नहीं जानती है.
रिपोर्ट के मुताबिक नाबालिग की मां पीड़िता को वापस ले जाने के लिए आई थी, लेकिन आरोपी ने डरा धमकाकर उस भगा दिया. नाबालिग पर हुए अत्याचार के चीखों को सुनकर मौके पर पहुंची एडवोकेट गायत्री पूनिया ने पुलिस को मामले की सूचना दी. पुलिस अब पीड़ित नाबालिग से थाने लाकर पूछताछ कर रही है.
दरअसल, वार्ड संख्या 38 की एक महिला ने नाबालिग पर हो रहे जुर्म की सूचना बाद समाजसेवी गायत्री पूनिया पीड़िता से मिली तो बालिका फफक-फफक रो पड़ी और अपनी पूरी व्यथा सुनाकर उनसे लिपट गई. पूनिया ने नाबालिग पीड़िता की हालत देखकर मामले की लिखित शिकायत स्थानीय पुलिस से की, जिसके बाद चौकन्ना हुई पुलिस बालिका तक पहुंची.
महाराष्ट्र निवासी नाबालिग की मां सादुलपुर में झाड़ू-पोछा करने का काम करती थी और जब वह 4 साल की थी तो वार्ड 38 निवासी आरोपी को सौैंप कर महाराष्ट्र चली गई. नाबालिग की मां के जाने के आरोपी उससे घर का सारा काम कराने लग गए और गलती होने पर उसके ऊपर मानसिक और शारीरिक अत्याचार करते थे. पुलिस नाबालिग को बाल कल्याण समिति में पेश करेगी, जहां उसकी कॉउंसलिंग की जाएगी.
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