![Exclusive: 'दो बार से खाता नहीं खुला लेकिन इस बार...' सचिन पायलट ने लोकसभा चुनाव को लेकर किया बड़ा दावा Exclusive: 'दो बार से खाता नहीं खुला लेकिन इस बार...' सचिन पायलट ने लोकसभा चुनाव को लेकर किया बड़ा दावा](https://c.ndtvimg.com/2024-03/gns19hog_sachin-pilot-interview_625x300_13_March_24.jpg?im=FaceCrop,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने बुधवार को NDTV राजस्थान से खास बातचीत करते हुए उन सभी सवालों के जवाब दिए हैं जो पार्टी द्वारा लोकसभा उम्मीदवारों के नामों की दूसरी सूची (Congress Candidate 2nd List) जारी होने के बाद उठ रहे थे. इस एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में पायलट ने लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर अपना स्टैंड क्लियर किया है. साथ ही अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को टिकट मिलने पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.
'इस बार हम ब्याज सहित जीतेंगे'
सचिन पायलट ने कहा, 'कांग्रेस उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में कुल 43 नाम हैं. इनमें राजस्थान के 10 नेता शामिल हैं. कांग्रेस पार्टी ने सर्वे और सभी बातों को ध्यान में रखते हुए इन उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं. यहां ये सवाल नहीं है कि मैं लड़ना चाहता हूं या नहीं? क्योंकि मैं वही करूंगा जो पार्टी मुझसे कहेगी. मैंने विधान सभा चुनाव लड़ा है. सरकार का हिस्सा हूं. मैं अब छत्तीसगढ़ का प्रभारी हूं. हमारे पास वहां 11 सीटें हैं. टोंक-सवाईमाधोपुर की तरह यह भी मेरी जिम्मेदारी है. हम जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे. यह व्यक्तिगत पसंद-नापसंद का सवाल नहीं है. पार्टी जो तय करेगी मैं वही करूंगा. उम्मीदवारों का चयन एक संयुक्त अभ्यास है. सभी उम्मीदवार हमारे उम्मीदवार हैं. पिछले दो चुनाव में हमने लोकसभा में अपना खाता नहीं खोला है, इसलिए इस बार हम ब्याज सहित जीतेंगे.'
वैभव को टिकट मिलने में क्या गलत?
इंटरव्यू के दौरान जब सचिन पायलट से वैभव गहलोत को टिकट मिलने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 'अगर नकुल नाथ और वैभव गहलोत को टिकट मिलता है तो इसमें गलत क्या है? भाजपा में बहुत से लोगों को टिकट मिलता है और उनके पिता-दादा राजनेता हैं. वैभव गहलोत अगर राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे हैं तो क्या उन्हें मौका नहीं मिलना चाहिए? पिछली बार वैभव नहीं जीते थे, पार्टी ने उन्हें दोबारा मौका दिया है. जब तक हम वह सीट जीतते हैं, इसमें कुछ भी गलत नहीं है.' बताते चलें कि कांग्रेस ने बीकानेर से गोविंदराम मेघवाल, चूरू से राहुल कस्वां, झुंझुनूं से बृजेंद्र ओला, अलवर से ललित यादव, भरतपुर से संजना जाटव, टोंक-सवाईमाधोपुर से हरीश मीणा, जोधपुर से करण सिंह उचियारड़ा, जालोर-सिरोही से वैभव गहलोत, उदयपुर से ताराचंद मीणा, चित्तौड़गढ़ से उदयलाल आंजना को टिकट दिया है.
3 विधायक को लोकसभा का टिकट
इन प्रत्याशियों में से बृजेंद्र ओला झुंझुनू से, ललित यादव मुंडावर से और हरीश मीणा देवली उनियारा से मौजूदा विधायक हैं. गोविंदराम मेघवाल, बृजेंद्र ओला और उदयलाल आंजना पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को इस बार जालोर-सिरोही सीट से उम्मीदवार बनाया है, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में वह जोधपुर सीट से चुनाव लड़े थे और भाजपा के गजेंद्र सिंह शेखावत से हारे थे. चूरू सीट पर भाजपा ने इस बार देवेंद्र झाझड़िया का टिकट दी है. इससे नाराज होकर मौजूदा सांसद कस्वां सोमवार को ही कांग्रेस में शामिल हुए थे और पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बना दिया. जोधपुर से उम्मीदवार बनाए गए करण सिंह उचियारड़ा इस समय कांग्रेस की प्रदेश इकाई के महासचिव हैं. हरीश मीणा पहले दौसा लोकसभा सीट से जबकि उदयलाल आंजना चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं. आंजना ने 2023 का विधानसभा चुनाव निंबाहेड़ा सीट से लड़ा और हार गए. पार्टी ने पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी ताराचंद मीणा को उदयपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया गया है.
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