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आरएमसी में फर्जी रजिस्ट्रेशन कराकर बनी डॉक्टर, डीडवाना में चला रही थी सोनोग्राफी सेंटर, पोल खुलने पर फरार

राजस्थान मेडिकल काउंसिल (आरएमसी) में फर्जी डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन का मामला सामने आने के बाद चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया है. अब इस फर्जीवाड़े के तार डीडवाना से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं. इस फर्जीवाड़े में शामिल डीडवाना की महिला डॉक्टर का भी खुलासा हुआ है.

आरएमसी में फर्जी रजिस्ट्रेशन कराकर बनी डॉक्टर, डीडवाना में चला रही थी सोनोग्राफी सेंटर, पोल खुलने पर फरार

Fake Doctors Registration in Rajasthan: फर्जी दस्तावेजों के जरिए राजस्थान मेडिकल काउंसिल (आरएमसी) में रजिस्ट्रेशन का सामने आने के बाद चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया है. अब इस फर्जीवाड़े के तार डीडवाना से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं. इस फर्जीवाड़े में शामिल डीडवाना की फर्जी डॉक्टर का भी खुलासा हुआ है. इस महिला ने जाली दस्तावेज के जरिए आरएमसी में रजिस्ट्रेशन कराया और वर्तमान में सोनोग्राफी सेंटर चला रहा थी. गीता कुमारी जिले के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल बांगड़ अस्पताल के सामने इस सेंटर को संचालित कर रही थी. लेकिन पोल खुलने के बाद फर्जी डॉक्टर (Fake Doctors) फरार हो गई.  

सोनोग्राफी सेंटर सीज, कार्रवाई से पहले डॉक्टर फरार

बलारा चिकित्सा विभाग की टीम के साथ केंद्र पर पहुंचे और किराए के भवन में संचालित हो रहे इस सोनोग्राफी सेंटर पर ताला लगाकर उसे सीज कर दिया. जिला प्रजनन और शिशु स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देश पर ब्लॉक सीएमएचओ डॉक्टर अजीत बलारा ने कार्रवाई की. विभाग की इस कार्रवाई से पहले ही गीता कुमारी सोनोग्राफी सेंटर से फरार हो गई और चिकित्सा विभाग की टीम को मौके पर कोई भी डॉक्टर या कार्मिक नहीं मिला. ब्लॉक सीएमएचओ ने बताया कि इस मामले की जांच जारी है और विभागीय स्तर पर दिशा निर्देश के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

क्या है फर्जीवाड़े का पूरा मामला? 

दरअसल, राजस्थान मेडिकल काउंसिल से रजिस्ट्रेशन के लिए कई 12वीं पास लोगों ने आवेदन किया. इन फर्जी डॉक्टरों के पास डिग्री नहीं होने के बावजूद दस्तावेजों का वेरिफिकेशन किए बिना ही रजिस्ट्रेशन कर लिया गया था. जब इस मामले का खुलासा हुआ तो पूरे प्रदेश में विभाग हरकत में आया. इस मामले में जिन 8 फर्जी डॉक्टरों का खुलासा हुआ था, उनमें से एक महिला गीता कुमारी डीडवाना में सोनोग्राफी सेंटर चला रही थी. इससे पहले वह करौली के एक अस्पताल में भी प्रैक्टिस कर चुकी है.

चिकित्सा मंत्री ने इस मामले को बताया स्कैम 

अब इस मामले में सरकार ने एक्शन लेते हुए एसीबी को जांच सौंपी है. साथ ही आरएमसी से रजिस्ट्रार समेत 3 अधिकारियों को भी सस्पेंड किया गया है. वहीं, चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने 5 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है. चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने आईएमसी के इस गड़बड़ी को स्कैम करार दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और किसी को भी नहीं बक्शा जाएगा.

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