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भरतपुर के एसजीएन हॉस्पिटल में मारपीट, परिजनों ने मरीज को डिस्चार्ज करने के लिए कहा तो स्टाफ ने लाठी-डंडों से पीटा

भरतपुर शहर के मथुरा गेट थाना क्षेत्र स्थित निजी अस्पताल एसजीएन में मरीज के परिजन और हॉस्पिटल स्टाफ के बीच हाथापाई हो गई. मथुरा गेट थाने में हॉस्पिटल के कई कर्मचारियों के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कर लिया गया है. 

भरतपुर के एसजीएन हॉस्पिटल में मारपीट, परिजनों ने मरीज को डिस्चार्ज करने के लिए कहा तो स्टाफ ने लाठी-डंडों से पीटा

Bharatpur News: भरतपुर के एक निजी हॉस्पिटल में मरीज के परिजन और हॉस्पिटल स्टॉफ के बीच हाथापाई हो गई. मरीज के परिजनों के साथ कहासुनी के बाद अस्पताल के स्टॉफ ने लाठी-डंडो से मारपीट की. मरीज के परिजन को चोटें आई और उसके हाथ की एक उंगली टूट गई. परिजन मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किए जाने की मांग कर रहे थे, लेकिन हॉस्पिटल स्टॉफ ने मना कर दिया. जिसके बाद अस्पताल में बवाल मच गया. यह मामला भरतपुर (Bharatpur) शहर के मथुरा गेट थाना क्षेत्र स्थित निजी अस्पताल एसजीएन का है. मथुरा गेट थाने में हॉस्पिटल के कई कर्मचारियों के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कर लिया गया है. 

मरीज की छुट्टी मांगी तो टालमटोल करने लगा स्टाफ  

चिकसाना थाना क्षेत्र निवासी बनवारी ने थाने में रिपोर्ट दी कि उसकी बहन 46 वर्षीय गुड्डी देवी आगरा की रहने वाली है. उसे ब्रेन की समस्या के चलते जिला आरबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद बीते 1 अक्टूबर मंगलवार को दोपहर में सारस चौराहा स्थित एसजीएन अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उनका आईसीयू में उपचार चल रहा था. जब मरीज के स्वास्थ्य में जब कोई सुधार नहीं हुआ तो परिवार ने मरीज की छुट्टी की मांग की. लेकिन हॉस्पिटल स्टॉफ टालमटोल करने लगा. इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई. मामला इस कदर बढ़ गया कि अस्पताल के 20 से 25 कर्मचारियों ने लाठी-डंडों से मारपीट की.  

मजदूरी करती है महिला, जब बीमार हुई तो इलाज के लिए बेटे ने लिया कर्ज

अस्पताल प्रशासन ने मरीज के परिजनों से करीब 30 हजार रुपए भी जमा कर लिए. पीड़ित पक्ष का आरोप है कि अस्पताल ना तो मरीज को छुट्टी दे रहा था और ना ही पैसे लौटाए. मरीज गुड्डी देवी विधवा है और खुद ही मेहनत मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण कर रही थी. उसकी तीन बेटी और एक बेटा है, जिसमें एक बेटी की शादी हो गई. महिला के अलावा घर में कमाने वाला कोई भी सदस्य नहीं है. जब वह बीमार हुई तो उसके बेटे ने कर्ज लेकर मां के इलाज के पैसे जुटाए.

चौकी पहुंचा परिवार तो पुलिसकर्मी ने भगा दिया 

जब पीड़ित सारस चौराहा स्थित पुलिस चौकी पर शिकायत लेकर पहुंचे तो चौकी स्टॉफ ने भी मामला दर्ज करने से मना कर दिया. बार-बार शिकायत करने पर चौकी स्टॉफ ने परिजनों को मरीज की देखभाल करने की सलाह देकर भगा दिया. इसके बाद पीड़ित पक्ष ने मथुरा गेट पुलिस थाना पहुंचकर रिपोर्ट दी. थाना प्रभारी करन सिंह राठौड़ ने बताया कि अस्पताल स्टॉफ के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.ॉ

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