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This Article is From Apr 28, 2024

Dungarpur Accident News: महिला के सिर पर चढ़ा क्रेन का टायर, मुआवजे की जिद पर 5 घंटे तक सड़क से परिजनों ने नहीं उठाया शव; लाचार दिखी पुलिस

राजस्थान के डूंगरपुर में क्रेन की टक्कर से बाइक सवार महिला की मौत के 5 घंटे बाद सड़क से शव उठ पाया. परिजन 10 लाख रूपए मुआवजे की मांग कर रहे थे.

Dungarpur Accident News: महिला के सिर पर चढ़ा क्रेन का टायर, मुआवजे की जिद पर 5 घंटे तक सड़क से परिजनों ने नहीं उठाया शव; लाचार दिखी पुलिस
हादसे के 5 घंटे बाद परिजनों ने उठाया शव

Dungarpur News: डूंगरपुर के दोवड़ा थाना क्षेत्र में क्रेन की टक्कर से बाइक सवार महिला की मौत के 5 घंटे बाद सड़क से शव उठ पाया. महिला के परिजन 10 लाख रुपये मुआवजे की मांग कर रहे थे. मुआवजे पर सहमति बनने के बाद परिजनों ने सड़क से महिला का शव उठाया. आगे की कार्रवाई करते हुए पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. 

विजवामाता मंदिर के लिए जा रहा था परिवार


बताया गया कि पाडली गुजरेश्वर के रहने वाले लालशंकर (22) अपनी पत्नी हेमलता (21) के साथ बाइक पर विजवामाता मंदिर के दर्शन के लिए जा रहे थे. उनके साथ उनकी 4 साल की भतीजी भी थी. वहीं, परिवार के और लोग अन्य बाइक पर सवार थे. इस बीच डूंगरपुर-आसपुर मार्ग पर लीलवासा बस स्टैंड के पास लाल शंकर बाइक रोककर फोन पर बाते करने लगा. वहीं, अन्य 3 बाइक आगे निकल गई थी.

सिर पर चढ़ा क्रेन का पहिया

पीछे से आ रही एक क्रेन ने फोन पर बात कर रहे लालशंकर की बाइक को टक्कर मार दी. टक्कर से बाइक सवार हेमलता रोड की तरफ नीचे गिरी, जिसके सिर पर क्रेन का टायर चढ़ गया. क्रेन का टायर चढ़ने पर हेमलता की मौके पर मौत हो गई, जबकि बाइक पर बैठी 4 साल की भतीजी का पैर फ्रेक्चर हो गया और लालशंकर को मामूली चोट आई. हादसे के बाद चालक क्रेन छोड़कर मौके से फरार हो गया.

10 लाख के मुआवजे की कर रहे थे मांग

घटना के तुरंत बाद मौके पर लोगो की भीड़ जमा हो गई और जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची. हादसे की सूचना पर मृतका के ससुराल और मायके पक्ष के लोग भी मौके पर गए, जहां परिजन क्रेन मालिक को मौके पर बुलाने और मुआवजे की मांग पर अड़ गए. वे सभी क्रेन मालिक के नहीं आने तक शव को मौके से उठाने से इनकार कर दिया है. महिला का शव सड़क किनारे ही पड़ा रहा. परिजन 10 लाख रूपए मुआवजे की मांग करते रहे. 

करीब 5 घंटे बाद सवा लाख रुपये मुआवजा राशि पर सहमति बनी, जिसके बाद सड़क से शव को उठाने के लिए परिजन राजी हुए. पुलिस ने शव को उठवाकर अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया, लेकिन इस पूरे मामले में पुलिस लाचार नजर आई और मृत शरीर सम्मान कानून की धज्जियां उड़तीं रहीं. पहले भी इस तरह के कई मामले हुए है, लेकिन इस तरह के मामलो में पुलिस भी कानून व्यवस्था न बिगड़े, उस स्थिति में मध्यस्थता की भूमिका में ही नजर आती है. 

ये है राजस्थान मृत शरीर सम्मान विधेयक 2023

यह कानून मृतक के शरीर की गरिमा सुनिश्चित करता है. इसके तहत जो कोई भी सड़क पर, पुलिस स्टेशनों के बाहर या किसी अन्य सार्वजनिक स्थान पर शव के साथ विरोध प्रदर्शन करता पाया गया, उसे जुर्माने के साथ छह महीने से लेकर पांच साल तक की जेल की सजा हो सकती है.
 

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