Rajasthan: गर्मी से बचने का देसी जुगाड़ 'मडबाथ' ले रहे किसान, परंपरागत नुस्ख़ा कर रहा है गर्मी को छूमंतर

प्राकृतिक चिकित्सा में मिट्टी का इस्तेमाल कई रोगों के निवारण में आदिकाल से ही होता आया है. वैज्ञानिक शोध में यह प्रमाणित हो चुका है कि मिट्टी चिकित्सा  शरीर को तरो ताजा करने, जीवंत और उर्जावान बनाती है. चर्म रोग के साथ विभिन्न रोगों जैसे कब्ज, स्नायु-दुर्बलता, तनावजन्य सिरदर्द, उच्च रक्तचाप, मोटापा सहित अन्य रोग में कारगर साबित होता है. 

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
मड बाथ सेहत के लिए फायदे मंद

Kota News: राजस्थान में गर्मी के तल्ख़ तेवर कम होने का नाम नही ले रहे . इंसान तो इंसान वन्य जीव ,परिंदे मवेशी भी गर्मी से परेशान है. हाड़ौती में भी गर्मी अपना भीषण रूप दिखा रहीं है. ऐसे में गर्मी से राहत पाने के लिए सभी जतन किए जा रहे है.  परंपरागत तरीके एक बार फिर कारगर साबित होते नजर आ रहे हैं कोटा में किसान भीषण गर्मी से गजब तरीके से राहत पा रहे हैं. कोटा जिले के किसान मडबाथ ले रहे है. शरीर के मिट्टी का लेप कर रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में किसान रोजाना शाम को मडबाथ का आनंद लेते खेत के धोरों में नजर आते है. किसान अब्दुल हमीद गोड़ और रामदयाल धाकड़ दोनों किसान है हर रोज़ अपने खेत मे जाकर मडबाथ करके खुद को तरोताजा महसूस करने के साथ गर्मी से भी राहत पा रहे है.  मडबाथ मतलब शरीर पर मिट्टी का लेप करके नहाना पुरानी पद्धति है.

हमीद गोड, रामदयाल रोजाना खेत पर जाते है. ट्यूबवेल चलाकर, धोरों की मिट्टी का लेप शरीर पर करते है. एक घंटा मिट्टी लगाकर बैठते जिससे उनकी गर्मी भाग जाती है. हामिद गौड ने बताया कि इन दिनों उनके खेत में चावल की पौध तैयार की जा रही है. दिनभर खेत पर काम करते है, फिर शाम होने पर मडबाथ करते है. हमीद गोड कहते है की कैसा भी रोग हो मिट्टी के स्नान से उसमें राहत जरूर मिलती है. 

Advertisement

प्राकृतिक चिकित्सा का नुस्खा 

प्राकृतिक चिकित्सा में मिट्टी का इस्तेमाल कई रोगों के निवारण में आदिकाल से ही होता आया है. वैज्ञानिक शोध में यह प्रमाणित हो चुका है कि मिट्टी चिकित्सा  शरीर को तरो ताजा करने, जीवंत और उर्जावान बनाती है. चर्म रोग के साथ विभिन्न रोगों जैसे कब्ज, स्नायु-दुर्बलता, तनावजन्य सिरदर्द, उच्च रक्तचाप, मोटापा सहित अन्य रोग में कारगर साबित होता है. 

Advertisement

खेत की मिट्टी ही बन रही है मददगार

किसान रामदयाल धाकड़ बताते हैं कि वैसे तो हाडोती में गर्मी हमेशा ही तेज होती है लेकिन अब जो गर्मी हो रही है वह असहनीय हो रही है सालों पहले हमारे पूर्वज भी मिट्टी से स्नान किया करते थे खेत की मिट्टी ही हमारे लिए जीवन दायिनी होती है अब भीषण गर्मी में खेती किसानी के साथ गर्मी से राहत दिलाने में भी खेत की मिट्टी महत्वपूर्ण  भूमिका में है. गांव के नोजवान भी हमारे जैसे मड़बाथ के लिए उतसाहित रहते है . कुदरत के इस सौगात से किसी को कोई नुकसान नहीं होता. फायदे ही फायदे है. बस इस बात का ध्यान रखा जाता है कि मिट्टी में कंकर पत्थर ना हो जिसके लिए हम खेत में फसल कटाई के बाद सफाई करते रहते है.

Advertisement

यह भी पढ़ें- चुनाव परिणाम से पूर्व मेहंदीपुर बालाजी में मत्था टेकने पहुंचे राजस्थान CM, गोयल-बिरला भी रहे मौजूद