Rajasthan News: कांग्रेस के डूंगरपुर विधायक गणेश घोगरा (Ganesh Ghogra) सहित 400 से अधिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोतवाली में राजकार्य में बाधा सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ है. इससे पहले विधायक गणेश घोगरा पर कांग्रेस शासन में ही एसडीएम को कमरे में बंद करने और डिस्कॉम ऑफिस के साथ सदर थाने में कर्मचारियों अधिकारियों के डराने के मामले में पहले से केस दर्ज है. इस प्रकार राजकार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में विधायक गणेश घोगरा पर अब तक तीन मामले दर्ज हो चुके हैं.
कलेक्ट्रेट के गेट पर चढ़े विधायक
विधायक गणेश घोगरा मंगलवार को अपने सैकड़ों युवा कार्यकर्ताओं के साथ रैली निकालते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे थे, जहां पर उन्होंने बिजली, पानी और मनरेगा में भुगतान सहित कई मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इस रैली में पूर्व राज्यमंत्री शंकरलाल यादव, पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा, डूंगरपुर प्रधान कांतादेवी सहित कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी शामिल हुए. रैली के दौरान विधायक घोगरा अपने कार्यकर्ता के साथ जोर जबरदस्ती करते हुए कलेक्ट्रेट गेट पर चढ़ गए और उसे खोलने की कोशिश करने लगे. इस पर डिप्टी तपेंद्र मीणा सहित अधिकारी धक्का मुक्की में परेशान हुए. इसके बाद अतिरिक्त एमबीसी पुलिस के जवान वहां पहुंचे, जिन्होंने विधायक सहित युवा कार्यकर्ताओं को गेट से उतारकर कुछ दूरी तक धकेला.
धक्का मुक्की के बाद की नारेबाजी
इसके बाद विधायक ने एक बार नारेबाजी करते हुए पुलिस के साथ अभद्रता की, और पुन: युवाओं के साथ जबरदस्ती गेट की तरफ दबाव डाला. इसमें एक बार पुलिस कोतवाल भगवानलाल, डिप्टी तपेंद्र मीणा सहित कई पुलिसकर्मी धक्का मुक्की से परेशान हो गए. कुछ समय तक नारेबाजी करते हुए गेट के बाहर ही बैठ गए, जहां पर एसडीएम विनय मिश्र, एडिशनल एसपी निरंजन चारण उनके ज्ञापन लेने पहुंचे. इस पर विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर को बाहर सड़क पर आकर ज्ञापन लेने की जिद्द करते रहे.
जमीन पर गिर पड़े एएसपी चारण
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने के बाद भी उन्होंने जिद्द नहीं छोड़ी. फिर वापस युवा कार्यकर्ताओं के साथ एक बार गेट को तोड़ते हुए अंदर घुस गए, जिसमें एक महिला पुलिसकर्मी जशोदा गंभीर घायल हो गई. वहीं एडिशनल एसपी निरंजन चारण नीचे गिर गए. पुलिस ने पुन: उन्हें धक्का मारते हुए बाहर निकाला. इसके बाद करीब आधे घंटे बाद एसडीएम को ज्ञापन देकर रवाना हुए. इस पूरे घटनाक्रम से पुलिस के कई जवान और अधिकारी परेशान हुए. उन्हें जूते फकने और बदतमीज का शिकार होना पड़ा.
बाइट देने से बच रहे पुलिसकर्मी
इस पर कोतवाली पुलिस ने उनके खिलाफ बुधवार शाम को एफआईआर दर्ज की है. डूंगरपुर डिप्टी तपेंद्र मीणा ने बताया कि विधायक गणेश घोघरा और 400 लोगों पर केस दर्ज हुआ है. वह नए डिप्टी राजकुमार राजोरा आने के बाद पूरी जानकारी वही देंगे. मेरा ट्रांसफर हो चुका है, जिस वजह से मैं नहीं दे पाऊंगा. वहीं एसपी श्याम सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरा ट्रांसफर हो गया है मैं नहीं देता हूं.