
Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार रात एक्स पर एक वीडियो कन्वर्सेशन शेयर किया था, जिसमें वे NEET परीक्षा 556 नंबरों से पास करने वाले बालोतरा उपखंड के श्रवण से बातचीत करते हुए नजर आ रहे थे. गहलोत ने लिखा, 'श्रवण की मां को इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के तहत स्मार्टफोन मिला, जिस पर ये ऑनलाइन क्लास लेकर पढ़ाई करते थे. इसी वजह से उन्होंने परीक्षा में सफलता हासिल की. यह योजना वंचित वर्ग को डिजिटली एम्पॉवर करने वाली थी, जिसका लाभ 40 लाख लोगों को मिला. लेकिन भाजपा सरकार ने इसे बंद कर दिया. आशा है कि भाजपा सरकार ऐसे उदाहरण देखकर इस योजना को जल्द पुनः शुरू करेगी.'
'दावा करने से पहले सही आंकड़े तो ले लेते'
अशोक गहलोत के इस बयान पर अब उनके तत्कालीन ओएसडी लोकेश शर्मा ने पलटवार किया है. मंगलवार दोपहर उन्होंने एक्स पर आरोप लगाते हुए लिखा, 'चिरंजीवी योजना से जुड़े 1 करोड़ 33 लाख परिवारों की महिला मुखियाओं को 3 साल की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ चुनावी रेवड़ियों के रूप में स्मार्टफोन देने की घोषणा की गई थी. घोषणा के बाद जिनके साथ बैठकें की गईं, वो अधिकारी आज भी इस सरकारी तंत्र में काम कर रहे हैं. 1 करोड़ 33 लाख में से 40 लाख को फोन देने का दावा करने से पहले एक बार उनसे असली आंकड़े ले लेते तो पता लग जाता कितनी महिलाओं के हाथ में स्मार्टफोन पहुंचे. बल्कि बिना किसी व्यवहारिक तैयारी के पात्र महिलाओं में नाराजगी और पैदा करवा दी.'
बालोतरा उपखंड के इस होनहार नौजवान श्रवण को बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं... ये उपलब्धि सराहनीय है, लेकिन गहलोत जी इनकी मेहनत का श्रेय खुदकी योजना को देकर अपनी पीठ थपथपाते हुए स्वयं की मार्केटिंग करने से यहां भी नहीं चूक रहे हैं...
— Lokesh Sharma (@_lokeshsharma) June 17, 2025
चिरंजीवी योजना से जुड़े 1 करोड़ 33 लाख… https://t.co/diBpDrVE2X
'ये वो चुनावी रेवड़ियां जो ढंग से नहीं बांटी गईं'
शर्मा ने आगे लिखा, 'तत्कालीन मुख्यमंत्री की बात खराब न हो और उस वक्त रोजाना हो रही किरकिरी से बचने के लिए, चुनाव से ऐन पहले आखिरी समय में इन्हें बांटना शुरू किया गया. किसी को मिला. किसी को नहीं मिला. कहीं एक ही घर में 2-2, 3-3 फोन चले गए. जिन्हें नहीं मिले उन्होंने जमकर कोसा. इस घोषणा का भट्टा तो आपके सरकार में रहते हुए ही बैठ गया था, फिर दूसरों के सर क्यों ठीकरा फोड़ रहे हो? ये वो चुनावी रेवड़ियां थीं जो ढंग से बांटी भी नहीं गईं. यह घोषणा नियमित चलने वाली योजनाओं की तरह नहीं थी जिसे बंद किया गया हो.'
'जिम्मेदारी लेने में नदारद रहते हैं गहलोत'
लोकेश शर्मा ने एक्स पर आरोप लगाते हुए आगे लिखा, 'अशोक गहलोत मैं, मेरा, मैंने, मुझे का ढिंढोरा पीटकर दूसरी सरकार पर योजना बंद करने के आरोप लगा-लगाकर अपना काम चलाते रहते हैं और चर्चाओं में बने रहने के लिए स्वयं की मार्केटिंग करते रहते हैं. असल में, अशोक गहलोत को अपने कार्यकाल में हुई पेपर लीक की रिकॉर्ड घटनाओं, परीक्षाओं में धांधली और भ्रष्टाचार पर भी बोलना चाहिए. लेकिन किसी भी मामले में क्रेडिट लेने में सबसे आगे रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जवाबदेही और जिम्मेदारी लेने में हमेशा नदारद रहते हैं.'
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