जोधपुरः वर्चुअल हाईकोर्ट की स्थापना को लेकर वकीलों में रोष, बनाई आंदोलन की रणनीति

पूरे देश में हाईकोर्ट की 10 वर्चुअल बेंच खोली जा रही है. राजस्थान के तीन जिलों में भी हाईकोर्ट की वर्चुअल बेंच लगाने की बात की जा रही है. जिसका जोधपुर के वकील विरोध कर रहे हैं.

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Jodhpur:

पूरे देश में 10 जगहों पर वर्चुअल हाईकोर्ट लगने जा रही है. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तरफ से सर्कुलर भी जारी कर दिया गया है. लेकिन सर्वोच्च अदालत के इस फैसले का जोधपुर स्थित राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) मुख्य पीठ के वकील विरोध कर रहे हैं. वकीलों का कहना है कि वर्चुअल हाईकोर्ट लगाने के उच्चतम न्यायालय की गरिमा खतरे में पड़ जाएगी. उसकी प्रतिष्ठा भी धूमिल होगी. गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य पीठ में वकीलों ने एक बैठक का आयोजन कर 10-10 लोगों की संघर्ष समिति बनाने की घोषणा की. साथ ही इस आंदोलन को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इसे लेकर मंथन किया गया. आने वाले दिनों में राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य पीठ में वकीलों द्वारा आंदोलन शुरू किया जाएगा. जिससे कोर्ट का कामकाज प्रभावित हो सकता है. 

ओडिशा से हो चुकी वर्चुअल होईकोर्ट की शुरुआत

दरअसल सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार की मंशा है कि आम आदमी को सुलभ और सरल न्याय मिले. इसी कड़ी में देश में 10 वर्चुअल हाईकोर्ट की स्थापना की जा रही है. इसकी शुरुआत ओडिशा से हो चुकी है, जहां वर्चुअल हाईकोर्ट की स्थापना की गई है. अब राजस्थान के बीकानेर, उदयपुर और कोटा में वर्चुअल हाईकोर्ट की स्थापना की बात चल रही है. जिसका जोधपुर के वकील विरोध कर रहे हैं. 

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अध्यक्ष बोले- सुप्रीम कोर्ट की भी 4 बेंच कर देनी चाहिए

एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रणजीत जोशी ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार आम जनता के लिए सस्ता सुलभ न्याय दिलाने की बात करती है तो फिर पूरे भारत में सुप्रीम कोर्ट की भी 4 बेंच कर देनी चाहिए. जिससे लोगों को सरल और सुलभ न्याय मिल पाएगा.

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रणजीत जोशी ने आगे कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट की स्थापना के दौरान यह बिल्कुल स्पष्ट था कि राजस्थान हाईकोर्ट के टुकड़े नहीं होंगे. इसके बावजूद भी जयपुर में राजस्थान हाईकोर्ट की पीठ लगाई गई है. जिसको लेकर भी वह हर महीने की आखिरी तारीख को सांकेतिक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अब उदयपुर, बीकानेर और कोटा में वर्चुअल बेंच लगाने की बात कही जा रही है, वह गलत है.

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1949 में राजस्थान की स्थापना के वक्त पांच अलग-अलग संभागों में सचिवालय मिला था. उदयपुर को माइनिंग और एक्साइज, बीकानेर को एजुकेशन, अजमेर को रिवेन्यू बोर्ड और जोधपुर को राजस्थान हाईकोर्ट मुख्य पीठ. उसके बाद जानबूझकर राजस्थान हाईकोर्ट की गरिमा को गिराने का प्रयास केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है, जिसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

राजस्थान में खोली जाए सुप्रीम कोर्ट की बेंच

रणजीत जोशी ने कहा कि बाड़मेर जैसलमेर से सुप्रीम कोर्ट में जाने वाले लोगों को 1500 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है, तो ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य पीठ में भी खोल देनी चाहिए जिससे लोगों को आसानी से न्याय मिल सके.

एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रणजीत जोशी ने कहा कि विधि मंत्री ने कहा था कि पूरे देश में हाईकोर्ट की 10  वर्चुअल बेंच खोली जाएगी, जिसमें से एक बेंच तो उड़ीसा में खोल दी गई है. वहीं 10 और बेंचों का गठन किया जाना बाकी है. जिसमें से राजस्थान के तीन जिलों में लगाने की बात चल रही है. विधि मंत्री के इस बयान को लेकर जोधपुर में वकीलों में काफी रोष देखा जा रहा है.

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