Rajasthan News: प्रदेश में आचार संहिता हटने के साथ ही बांसवाड़ा सहित राजस्थान के स्वर्णिम दिन शुरू होने के आसार नजर आ रहे हैं. जैसे ही आचार संहिता हटेगी, सरकार प्राथमिकता के साथ यह तय कर देगी कि बांसवाड़ा में सोने की खान से कौनसी कंपनी सोने का खनन करेगी.
खनन के लिए पांच कंपनियों ने किया अप्लाई
खनन करने के लिए कर्नाटक रतलाम, उदयपुर, अहमदाबाद और छत्तीसगढ़ की पांच कंपनियों ने घाटोल क्षेत्र के भूकिया व कावरिया में 543 हेक्टेयर के लिए आवेदन किया है. इसके साथ ही बांसवाड़ा जिला देश के उन चार जिलों में शुमार हो जाएगा, जहां सोने के भंडार हैं.
खनन कंपनी तय करने में करीब 33 साल लगे
यहां सोने का भंडार की जानकारी सामने आने के बाद खनन कंपनी तय करने में करीब 33 साल का समय लग गया है. सोना निकलने में भी करीब 7 साल के समय और लगने का अनुमान है. इसके बाद बांसवाड़ा स्वर्ण खनन करने वाले देश के 4 चुनिंदा जिलों में शुमार हो जाएगा. अभी कर्नाटक के 2, बिहार और आंध प्रदेश एक एक जिले में सोने का खनन हो रहा है. हमारे यहां पर रेत के छोटे छोटे कणों के रूप में सोना मिलेगा, जिसे अन्य रूप के मुकाबले खनन लागत कम आएगी.
बांसवाड़ा की हिस्सेदारी करीब 25% हो जाएगी
देश में वर्तमान में जितना भी स्वर्ण खनन हो रहा है, उसमें बांसवाड़ा की हिस्सेदारी करीब 25% हो जाएगी. खनन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खनन करने वाली कंपनी का नाम तय होने के बाद कई प्रकार की एनओसी और अन्य दस्तावेज तैयार करने होते हैं जिसमें काफी समय लगता है. यह सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद जिस कंपनी को खनन करने का टेंडर दिया जाएगा. वह अपना काम शुरू करेगी. इस स्वर्ण खनन से बांसवाड़ा ही नहीं वरन राजस्थान की अर्थव्यवस्था में भी काफी परिवर्तन आएगा. यहां कई प्रकार के उद्योग धंधे खुलेंगे जिससे हजारों लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.
जियोलॉजिकल ने 1990 में किया था सर्वे
बांसवाड़ा जिले में सबसे पहले 1990- 91 में जियोलॉजिकल विभाग द्वारा को सर्वे किया गया था. इसमें पहली बार स्वर्ण भंडार के संकेत मिले थे. इस पर 69.658 वर्ग किलोमीटर के तीन ब्लॉक आरक्षित किए गए थे. सर्वे के बाद तैयार की गई रिपोर्ट के विश्लेषण से पता चला कि 14 ब्लॉक में 1.945 ग्राम प्रति टन के अनुसार यहां पर 114.76 मिलियन टन सोने के भंडार का अनुमान है.