हनुमानगढ़ में भरभराकर गिरी सरकारी स्कूल की 80 फीट लंबी छत, प्रशासन में मचा हड़कंप

राजस्थान में हनुमानगढ़ जिले के धौलीपाल गांव में राजकीय बालिका स्कूल की 80 फीट लंबी छत रात में गिर पड़ी. गनीमत रही कि हादसा रात में हुआ, वरना बड़ा नुकसान हो सकता था. 

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हनुमानगढ़ जिले के धौलीपाल गांव में राजकीय बालिका स्कूल की 80 फीट लंबी छत रात में गिर पड़ी.

Rajasthan News: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के धौलीपाल गांव में राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक बड़ा हादसा टल गया. जहां देर रात करीब 10 बजे स्कूल के बरामदे की 80 फीट लंबी छत अचानक भरभराकर गिर पड़ी. गनीमत रही कि यह हादसा रात में हुआ, वरना दिन में बच्चों के बीच बड़ा नुकसान हो सकता था. इस घटना ने स्कूल की जर्जर इमारतों की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं. 

जर्जर कमरों में पढ़ाई का खतरा

इस स्कूल में 12वीं तक की कक्षाएं चलती हैं, लेकिन अब केवल पांच कमरे ही पढ़ाई के लिए सुरक्षित बचे हैं. बाकी कमरों को जर्जर होने के कारण लाल क्रॉस लगाकर बंद कर दिया गया है.

इन कमरों पर लिखा गया है कि ये क्षतिग्रस्त हैं और कभी भी हादसा हो सकता है. सुरक्षा के लिए जर्जर हिस्सों की तारबंदी भी की गई है, ताकि बच्चे वहां न जाएं. अब बच्चों और अभिभावकों को पढ़ाई की चिंता सता रही है.

ग्रामीणों में बढ़ा आक्रोश 

हादसे के बाद गांव वाले और अभिभावक स्कूल परिसर में जमा हुए और शिक्षा विभाग के रवैये पर गुस्सा जताया. ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल प्रिंसिपल ने कई बार शिक्षा विभाग को इमारत की खराब हालत के बारे में बताया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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ग्रामीण कुलदीप गोदारा ने बताया कि 1992-93 में संत पूर्णानंद गिरी जी महाराज की प्रेरणा से ग्रामीणों के सहयोग से पांच कक्षाओं का निर्माण हुआ था. 1994 में इन्हें स्कूल को सौंपा गया था. 30 साल से ज्यादा पुरानी इमारत जर्जर हो चुकी थी, जिसकी शिकायत बार-बार की गई, लेकिन विभाग ने ध्यान नहीं दिया.

जिला शिक्षा अधिकारी का आश्वासन

घटना की सूचना मिलते ही जिला शिक्षा अधिकारी जितेंद्र बठला मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही जर्जर हिस्से को तोड़कर नए कमरों का निर्माण करवाया जाएगा. स्कूल प्रशासन का कहना है कि वे पिछले दो साल से प्रशासन को इमारत की खराब हालत की जानकारी दे रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

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धरातल पर केवल खानापूर्ति

यह हादसा न केवल स्कूल की जर्जर इमारतों की समस्या को उजागर करता है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा पर भी सवाल उठाता है. सरकार ने जर्जर इमारतों के सर्वे के निर्देश दिए थे, लेकिन धरातल पर केवल खानापूर्ति हो रही है.

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