Rajasthan News: मंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद किरोड़ी लाल मीणा ( Kirodi Lal Meena) आज दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के लिए पहुंचे. नड्डा से मुलाकात के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि उन्हें 10 दिन बाद फिर से बुलाया है. मालूम हो कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में कई सीटों पर हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मंत्री पद से इस्तीफे ऐलान किया है.
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, ''जे.पी. नड्डा जी ने बुलाया था.मैंने जनता को वचन दिया था कि अगर राजस्थान में हमारी पार्टी सीटें हारेगी तो मैं मंत्री पद छोड़ दूंगा और मैंने पद छोड़ दिया है. जे.पी. नड्डा जी ने 10 दिन बाद फिर से मुझे बुलाया है.मेरी संगठन या मुख्यमंत्री से कोई शिकायत नहीं है."
''ना तो मुख्यमंत्री से नाराजगी है, न ही संगठन से''
इससे पहले मीणा ने कहा था, ''मेरी ना तो मुख्यमंत्री से नाराजगी है, न ही संगठन से. जिस क्षेत्र में मैंने 40 वर्ष काम किया, वहां के लोग इस बहकावे में आ गए कि पीएम मोदी आरक्षण खत्म करेंगे. पीएम मोदी ने 2019 में आरक्षण 2029 तक बढ़ाया है. उन्होंने तो जनता के बीच जाकर यह तक कह दिया था कि साक्षात डॉ. भीमराव अंबेडकर भी आ जाएं तब भी मोदी आरक्षण के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ करने वाला नहीं है.
लेकिन इसके बावजूद जिनकी मैं सतत सेवा करता था, उनके हर दुख-दर्द में संभालता रहा, हर जाति-हर वर्ग के लोगों की मदद करता रहा, वही लोग बहकावे में आकर मेरे विमुख हो गए और मैं अपने क्षेत्र में पार्टी को नहीं जीता सका. यह मेरी विफलता है.''
किरोड़ी लाल मीणा ने लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार होने पपर इस्तीफ़ा देने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि अगर सात लोकसभा सीटों पर भाजपा नहीं जीतती तो वो मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे. वो सीटें 7 सीटें भरतपुर, धौलपुर-करौली, अलवर, जयपुर ग्रामीण, दौसा, टोंक-सवाई माधोपुर और झालावाड़ थीं. किरोड़ी ने दावा किया था कि उन्हें इन सीटों पर जीत की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी थी.
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