करौली में भारी बारिश के बाद जन जीवन अस्त- व्यस्त, जान जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे बच्चे 

राजस्थान के करौली में भारी बारिश के बाद जन जीवन अस्त- व्यस्त हो गया है, जिसके कारण बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे हैं.

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Rajasthan News: राजस्थान में मूसलाधार बारिश का दौर लगातार जारी है. भारी बरसात के कारण कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं. मौसम विभाग ने आज अलवर, भरतपुर, करौली और सवाई माधोपुर में हल्की बारिश, बिजली गिरना और मेघगर्जन की चेतावनी जारी की है. वहीं करौली जिले में अब तक 1200 एमएम बारिश हो चुकी है, जो कि औसत से कहीं ज्यादा है. बारिश के बाद कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया. गांवों में सड़कों पर पानी भरने के कारण बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हैं. जिला प्रशासन ने लोगों की सुरक्षा के लिए अभी कोई इंतजाम नहीं किया है. कई इलाकों में हालत इतनी खराब है कि मृतकों के शवों को पानी में होकर ले जाया जा रहा है.

   

घरों में पानी भरने से लोग पलायन को मजबूर 

जानकारी के अनुसार, हिंडौन सिटी में तेज बारिश के बाद कटरा बाजार, बयाना मार्ग सहित कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. व्यापारियों को लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ा. शहर के कई प्रमुख मार्ग गौशाला और राधेश्याम मैरिज गार्डन पूरी तरह से बंद हो गए. लोगों के घरों में 7-8 फीट तक पानी भर गया, जिसके चलते उन्हें मजबूरन अपने घर छोड़ने पड़े. प्रशासन ने कई बार निरीक्षण किया, लेकिन समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं किया. 

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जान जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे बच्चे  

लांगरा क्षेत्र के बुगड़ार गांव में बारिश के बाद रास्ते में बनी पुलिया पर पानी आ गया है. स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डालकर पढ़ाई के लिए जाना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि आजादी के बाद भी उन्हें बदहाल जीवन जीने को मजबूर होना पड़ रहा है. अगर कोई बीमार हो जाए, तो उसे अस्पताल पहुंचाना भी मुश्किल हो जाता है. बारिश के कारण विधार्थी कई दिनों तक स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, जिससे उनकी शिक्षा पर काफी असर पड़ रहा है. 

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बारिश के बाद पानी में होकर ले जाते मृतक का शव

पानी में होकर ले जाते हैं मृतकों के शव

बारिश के कारण करणपुर क्षेत्र के कोंडरी गांव में हालात बहुत बुरे हो गए. गांव में मृतकों के शवों को श्मशान घाट तक पहुंचाने के लिए घुटनों तक पानी में होकर गुजरना पड़ रहा है. 27 साल से जिला बने होने के बावजूद यहां बुनियादी सुविधाओं अभाव है. पंचायत प्रशासन और जिला प्रशासन की अनदेखी के चलते ग्रामीणों को अभी भी बदहाल जीवन जीना पड़ रहा है. 

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किसानों की फसलें हुई चौपट 

बारिश के कारण आसपास के खेतों में पानी भर गया, जिससे किसानों की धान, बाजरा और सब्जियों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं. इस कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. कई किसान अपनी मेहनत की पूरी फसल को खो चुके हैं. किसानों को आगामी सीजन के लिए भी चिंता सता रही है. किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.

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