In Depth: धूणी का वह इतिहास...जब एक साधु के वचन पर महाराणा ने बसाया था उदयपुर सिटी पैलेस

उदयपुर सिटी पैलेस बनने का इतिहास धूणी से ही शुरू हुआ था. पहाड़ियों में धूणी की वजह से ही उदयपुर बसाया गया और साधु के वचन पर ही पैलेस बनाया गया था.

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How Make Udaipur City Palace: उदयपुर में मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के बीच वर्चस्व की लड़ाई चर्चा में है. 10 नवंबर 2024 को मेवाड़ के पूर्व राजघराने के प्रमुख सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद 25 नवंबर को विश्वराज सिंह मेवाड़ को उनकी गद्दी पर बिठाने के लिए चित्तौड़गढ़ में पारंपरिक आयोजन हुआ. जिसके बाद परिवार का विवाद सड़कों पर उतर आया. विश्वराज सिंह मेवाड़ का उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ से संपत्ति का विवाद है. अरविंद सिंह मेवाड़ और उनके बेटे लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ उदयपुर के सिटी पैलेस में रहते हैं. पारंपरिक ताजपोशी के लिए विश्वराज सिंह उदयपुर में सिटी पैलेस के अंदर धूणी दर्शन करना चाहते हैं. लेकिन अरविंद सिंह ताम-झाम के साथ उन्हें अंदर नहीं आने देना चाहते. इसे लेकर सोमवार की रात को पथराव और तोड़फोड़ की नौबत तक आ गई और स्थिति तनाव पूर्ण बनी हुई है. आइए जानते हैं कि विवाद के केंद्र में जिस पवित्र धूणी की चर्चा हो रही है, उसका इतिहास क्या है.

शिकार के दौरान धूणी पहुंचे उदयसिंह 

मेवाड़ राजवंश से शिवरति घराने के डॉ.अजातशत्रु शिवरती ने बताया कि धुणी काफी प्राचीन है. यह उदयपुर के बसाए जाने से भी पुरानी है. उन्होंने कहा,

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"महाराणा उदयसिंह अपने पोते अमर सिंह यानी महाराणा प्रताप के पुत्र के मुंडन संस्कार के बाद एकलिंग जी महादेव दर्शन को आए थे. तब वहां के पुराने महलों में एक मोती महल होता था. यही महल शहर के बीच फतहसागर के पास मोती नगरी के रूप में प्रसिद्ध हैं. महाराणा उदयसिंह इसी मोती महल में ठहरे और यहां से अरावली की पहाड़ियों में शिकार के लिए गए."

साधु के वचन पर बना उदयपुर सिटी पैलेस

डॉ. शिवरती बताते हैं कि किसी ने महाराणा उदयसिंह को बताया कि एक पहाड़ी पर एक साधु विराजमान हैं और वह बड़ा स्थान है. इसके बाद महाराणा उदयसिंह प्रेम गिरि महाराज के पास पहुंचे.

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उस साधु ने उनसे कहा - "उदा (उदयसिंह) तू मेवाड़ की राजधानी यहां बना, क्योंकि यह सबसे सुरक्षित स्थान है. चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा है और पानी भी बहुत है. हमेशा सुरक्षित स्थान रहेगा."

उदयसिंह ने प्रेम गिरि महाराज की बात मान कर उस धूणी पर ही महल बनवाया जिसे आज सिटी पैलेस कहा जाता है और उदयपुर को मेवाड़ की राजधानी बनाया.

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उदयसिंह जी के समय के बाद सभी महाराणा ने किये धूणी दर्शन 

डॉ. शिवरती ने आगे बताया कि महारणा उदयसिंह द्वारा मेवाड़ की राजधानी उदयपुर को बनाने के बाद अलग-अलग महाराणाओं ने अपने अपने समय में सिटी पैलेस का निर्माण कराया. उन्होंने कहा,"आज जो धूणी है वह सिटी पैलेस में माणक चौक के पास स्थित हैं, महाराणा उदयसिंह के समय से ही मेवाड़ की परंपरा रही है. राजतिलक के बाद कोई भी महाराणा बनता है वह सबसे पहले धूणी के दर्शन करता है."

संपत्ति को लेकर मेवाड़ राजघराने में चल रहा विवाद

मेवाड़ राजघराने के दो प्रमुख परिवारों के बीच संपत्ति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. महाराणा प्रताप के वंशज अरविंद सिंह और महेंद्र सिंह दोनों भाई हैं और उनके बीच संपत्ति के अधिकारों को लेकर कई कानूनी विवाद चल रहे हैं. इन मामलों में एकलिंगजी मंदिर और सिटी पैलेस सहित कई संपत्तियां शामिल हैं, जहां अरविंद सिंह ट्रस्ट के सर्वेयर के रूप में कार्य कर रहे हैं.

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