प्रदेश में 115 सीटें जीत कर भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है. वहीं कांग्रेस सिर्फ 69 सीटों पर सिमट गई. भाजपा की जीत के बाद अब मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए सियासी चक्कलस शुरू हो गया है. CM की दौड़ में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत आधे दर्जन से अधिक उम्मीदवारों के नाम खबरों में तैर रहे हैं. इन नामों में सबसे ज़्यादा जिस नाम की चर्चा है वह वसुंधरा राजे हैं.
भाजपा के शुरूआती चुनाव प्रचार में राजे पूरी तरह फ्रंट फुट पर नहीं दिखीं. लेकिन जैसे- जैसे चुनाव प्रचार आगे बढ़ा उसके बाद राजे ने पूरे राजस्थान में रैलियां कीं. विधानसभा चुनाव में बतौर स्टार प्रचारक अपनी भूमिका का बखूबी निर्वहन किया. वसुंधरा ने 48 प्रत्याशियों के लिए प्रचार किया जिसमें से 31 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है .
52 सभाओं को किया संबोधित
वसुंधरा राजे सिंधिया का चुनावी दौरों और सभाओं का कार्यक्रम 30 अक्टूबर से शुरु हुआ जब उन्होंने जयपुर के मालवीय नगर में सबसे पहले भाजपा नेता कालीचरण सराफ के कार्यालय उद्घाटन कर सभा को संबोधित किया. उसके बाद से मतदान होने तक राजे ने राजस्थान के विभिन्न इलाकों में जाकर भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में सभाओं को संबोधित किया.
भाजपा के 48 में से 31 उम्मीदवार जीते
हारने वाले 17 प्रत्याशियों में से सबसे कम अंतर से नोहर विधानसभा क्षेत्र से अभिषेक मटोरिया मात्र 895 वोटों से पराजित हुए. भीनमाल से भाजपा प्रत्याशी पूरा राम चौधरी को भी मात्र 1027 वोटों से हार मिली. वहीं बांसवाड़ा से धन सिंह रावत 1400 वोटो से हार गए.
झालावाड़ बारां संसदीय क्षेत्र में चला राजे का जादू
झालावाड़ -बारां संसदीय क्षेत्र से वसुंधरा राजे सिंधिया 5 बार सांसद रह चुकी हैं और पांचवीं बार ही वह झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र से जीतकर विधायक बनी हैं. यहीं से जीत कर वह दो बार मुख्यमंत्री भी बन चुकी हैं. लेकिन झालावाड़-बारां संसदीय क्षेत्र में वसुंधरा राजे सिंधिया का असर आज भी बरकरार है, राजे के जादू के चलते ही लोकसभा क्षेत्र की 8 सीटों में से 7 सीटें भारतीय जनता पार्टी को मिली हैं .