
Rajasthan Census: राजस्थान में प्रस्तावित जनगणना-2027 की तैयारियां जोर शोर से हो रही है. इसे लेकर अधिकारियों को निर्देश दिया जा रहा है. वहीं राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में सोमवार (15 सितंबर) को सचिवालय में राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित हुई, जिसमें राजस्थान राज्य के 19 विभागों के प्रशासनिक सचिवों/ वरिष्ठ प्रतिनिधियों द्वारा हिस्सा लिया गया. इस बैठक में जनगणना की पूरी प्रक्रिया को लेकर चर्चा की गई. वहीं सुधांश पंत ने अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए और बताया कि जनगणना की पूरी प्रक्रिया कैसे-कैसे होगी.
मुख्य सचिव ने कहा कि यह बैठक फरवरी 2027 में आयोजित होने वाली जनगणना की प्रारंभिक बैठक है. उन्होंने विभागों को निर्देशित किया कि आगामी जनगणना के लिए प्रशासनिक इकाइयों का समय पर गठन सुनिश्चित करें और सभी कार्य केंद्र सरकार के जनगणना कार्य निदेशालय के निर्देशों के अनुरूप पूरे करें.
डिजिटल रूप में होगी पूरी प्रक्रिया
उन्होंने बताया कि इस बार जनगणना पूर्णत: डिजिटल स्वरूप में होगी, जिससे तहसील और गाँव स्तर का डेटा सटीक रूप से संकलित होगा. इस डेटा के विश्लेषण से विभिन्न विभाग अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन अधिक प्रभावी ढंग से कर सकेंगे. श्री पंत ने कहा कि केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार सम्बंधित सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि जनगणना प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रशासनिक इकाई की सीमाओं में परिवर्तन नहीं किया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि 31 दिसम्बर 2025 तक ही सीमाओं में बदलाव अनुमत होगा और इसके बाद 1 जनवरी 2026 से मार्च 2027 तक किसी भी प्रकार का परिवर्तन स्वीकार्य नहीं होगा. अत: उन्होंने निर्देशित किया कि सम्बंधित विभागों को 1 दिसंबर 2025 के पूर्व उक्त प्रक्रिया पूर्ण कर लेने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जानी है, उन्होंने इसे एक राष्ट्रीय दायित्व बताते हुए सभी विभागों से समन्वय के साथ कार्य करने का आह्वान किया.
जनगणना करने वाले लोगों को मिलेगी स्वास्थ्य सुविधा
पंत ने जनगणना के प्रथम चरण मकान सूचीकरण एवं मकानों की गणना का कार्य मई जून माह में किए जाने के संबंध में निर्णय लेने के लिए नोडल विभाग को निर्देश दिए. उन्होने मई-जून माह में गर्मी की तीव्रता को देखते हुए ORS के साथ प्राथमिक दवाइयों का किट भी जनगणना प्रगणकों एवं सुपरवाइजरों को दिए जाने के संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देश प्रदान किए गए .
इस मीटिंग में जनगणना-2027 का संक्षिप्त परिचय, कार्य-पद्धति, राज्य सरकार की जिम्मेदारियाँ, समय-सारणी और प्री-टेस्ट पर चर्चा की गई. साथ ही, क्षेत्राधिकार परिवर्तनों को अंतिम रूप देने, मकानों का सूचीकरण एवं मकानों की गिनती की समयावधि निर्धारण, विभिन्न स्तरों पर समन्वय समितियों के गठन, विभागवार जिम्मेदारियों के निर्धारण और व्यापक प्रचार-प्रसार की रूपरेखा पर भी विचार-विमर्श किया गया.
नए बने गांवों में लगभग 47 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान का
बैठक में जनगणना निदेशक बिष्णु चरण मल्लिक ने कहा कि जनगणना की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए गांव, नगर, तहसील और जिला स्तर की सीमाएं समय रहते स्थिर की जानी चाहिए. उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से राजस्व और स्वायत्त शासन विभाग द्वारा विभिन्न स्तर पर किए जाने वाले प्रशासनिक बदलाव और क्षेत्राधिकार बदलाव को जल्द पूरा किया जाना है. मालिक ने कहा कि भारत में कुल बनी तहसीलों में राजस्थान का 18 प्रतिशत हिस्सा और कुल नए बने गांवों में लगभग 47 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान का है. साथ ही जनगणना 2027 के फ्रेम को स्थिर करने से पहले नई इकाइयों का सत्यापन, मानचित्र निर्माण और कोड आवंटन किए जाने की प्रक्रिया में भी समय लगता है.
मलिक ने बताया कि मई, जून 2026 में जनगणना के पहले चरण में हाउसलिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस का काम किया जाएगा. इसके बाद फरवरी 2027 में दूसरे चरण के तहत जनसंख्या गणना शुरू की जाएगी. उन्होंने जनगणना के काम के सुचारू क्रियान्वयन के लिए सुझाव दिया कि खाली पदों को जल्द भरा जाए और जनगणना के काम में लगे कर्मचारियों को काम पूरा होने तक ट्रांसफर नहीं किया जाए. उन्होंने विभागों की जिम्मेदारियाँ साफ करते हुए कहा कि राजस्व विभाग एवं स्वायत्त शासन विभाग द्वारा सीमाओं के निर्धारण का कार्य किया जाएगा. इसी प्रकार योजना एवं सांख्यिकी विभाग जिला स्तर पर समन्वय का दायित्व निभाएगा तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग एवं शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
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