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भरतपुर में सैकड़ों परिवार होने वाले हैं बेघर, परियोजना के तहत तोड़े जाएंगे मकान

कई परिवारों का पूरा मकान जा रहा है, जिससे वे बेघर होने के कगार पर खड़े हैं. प्रशासन द्वारा निशान लगाने के बाद से लोगों ने काम पर जाना बंद कर दिया है.

भरतपुर में सैकड़ों परिवार होने वाले हैं बेघर, परियोजना के तहत तोड़े जाएंगे मकान
भरतपुर में लोगों के टूटेंगे मकान

Rajasthan News: भरतपुर  में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से लेकर बी नारायण गेट तक सड़क को 80 फीट चौड़ा करने की परियोजना पर काम चल रहा है. इस परियोजना के तहत सड़क के किनारे स्थित मकानों को तोड़ने के लिए निशान लगा दिए गए हैं. मकान मालिकों ने सीएम, जिला कलेक्टर और नगर निगम प्रशासन को ज्ञापन देकर मकान नहीं तोड़ने की गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. कई परिवारों का पूरा मकान जा रहा है, जिससे वे बेघर होने के कगार पर खड़े हैं. प्रशासन द्वारा निशान लगाने के बाद से लोगों ने काम पर जाना बंद कर दिया है, जिससे उनकी रोजी-रोटी पर भी असर पड़ रहा है. मकान मालिकों ने प्रशासन से मकान नहीं तोड़ने की गुहार लगाई है. हालांकि वैध मकानों को मुआवजे देने की बात है, लेकिन सवाल ये है कि क्या जो सालों से घर में रह रहे उन्हें अचानक से मुआवजा देकर उनके मकानों को तोड़ दिया जाएगा.

प्रशासन ने रोड से 18 फीट तक मकान पर निशान लगा दिए 

हरमुख ने बताया कि उनका मकान जमीन रोड किनारे है .जिसका साइज 75 वर्गज है. चार भाई है जिनमें से दो भाइयों की शादी हो गई. चार भाइयों का परिवार इसी मकान में रहता है. लेकिन अब रोड को चौड़ा किया जा रहा है हमारा पूरा मकान जा रहा है. नगर निगम प्रशासन ने रोड से 18 फीट तक मकान पर निशान लगा दिए है जिसमें लगभग पूरा मकान जा रहा. हमारे पास यही मकान है इसके अलावा अन्य कोई मकान और जगह नहीं. सभी भाई मजदूरी कर घर का पालन पोषण कर रहे हैं. अब सरकार और प्रशासन से यही मांग है कि इसके बदले में हमें अन्य कोई जगह दी जाए जिससे हम अपने लिए रहने का प्रबंध कर सकें.

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पूरा मकान जा रहा है सिर्फ एक ही फीट जगह बची है

कृपा देवी ने बताया कि 15 साल पहले पति की मौत हो गई. उनका मकान है जिसकी लंबाई 20 फीट है प्रशासन ने मार्ग को चौड़ा करने के लिए 19 फीट तक निशान लगाया है. पूरा मकान जा रहा है सिर्फ एक ही फीट जगह बची है. इसी मकान के बाहर दुकान बना रखी थी. इसी से अपना जीवन यापन कर रही थी. एक बच्चा है वह भी छोटा है. मकान टूटेगा अब में अपने बच्चे को लेकर कहां जाऊंगी. हमारी तो छत छिन गई. सरकार और प्रशासन से मांग है इसके बदले में अन्य जगह दी जाए.

1971 से हम यहां रह रहे हैं

भगवान सिंह ने ऑफ कैमरा बताया कि उनके बच्चे कि शादी होनी है लेकिन जैसे ही लड़की पक्ष को पता चलेगा तो वह संबंध तोड़ देंगे. उनका सन 1971 से मकान है. पहले भी रोड को चौड़ा किया जा रहा था लेकिन वह प्रक्रिया रुक गई. लेकिन अब केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से बी नारायण गेट तक चौड़ा किया जा रहा है. नगर निगम प्रशासन द्वारा मकानों पर निशान लगा दिए गए हैं. मेरा मकान 23 फीट जा रहा है. मेरे दो बच्ची और एक बच्चा है और उनकी शादी भी होनी है लेकिन मकान टूटेगा तो बच्चों की शादी पर प्रभाव पड़ेगा.

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क्षेत्र में अधिकतर घर मजदूरों के हैं

कच्चा कुंडा निवासी अन्य महिला और पुरुषों ने बताया कि रोड किनारे सैकड़ों मकान तोड़े जाएंगे. जिनमें अधिकत्तर मजदूर है. जब से मकानों पर निशान लगाए गए हैं तब से वह काम पर नहीं जा रहे. दिन रात उनकी यही सोच में निकल जाती है आगे क्या होगा. मकान पूरे जा रहे हैं परिवार को कहा रखेंगे. लेकिन इन्हीं लोगों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि उन्हें बेघर नहीं किया जाए. उन्हें रहने के लिए मकान दिया जाए.

प्रशासन ने क्या कहा

नगर निगम आयुक्त श्रवण कुमार बिश्नोई ने बताया कि निशान के बाद मकान मालिकों को नोटिस दिया जाएगा. उनके मकान के दस्तावेज मांगे जाएंगे. जिन लोगों के दस्तावेज होंगे उन्हें सरकार की ओर से मुआवजा दिलवाया जाएगा. जिनका अतिक्रमण होगा उनके घर बिना मुआवजे के तोड़े जाएंगे.

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