सड़कों पर घूम रही लावारिस गाय बन रही जान के लिए खतरा, एक साल में 12 लोगों की मौत, 100 से ज्यादा घायल

बूंदी में ढाई साल पहले दो सांडों की लड़ाई में शहर के ब्रह्मपुरी निवासी मुकेश दाधीच की मौत हो गई थी. इस मामले में कोर्ट ने 11 महीने पहले नगर परिषद से क्लेम राशि के रूप में 23 लाख 60 हजार 500 रुपये देने का आदेश दिया था. 

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Rajasthan News: राजस्थान के बूंदी में मानसून के समय पर सड़कों पर बेसहारा गायों का जमावड़ा लोगों की जान पर बन रहा है. जिले में पिछले 1 साल में 12 लोगों की मौत गायों के टकराने से हुई है. वहीं 100 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. हाल ही में चार दिनों के भीतर गायों के टकराने से तीन लोगों की मौत हो गई, जिसके कारण जिले में हड़कंप मचा हुआ है. सड़कों पर इन गायों के कारण बहुत लंबे समय से जाम और दुर्घटना होती आ रही है. लोगों ने कहा कि सरकार कई बार गौशाला में गायों को शिफ्ट करने का अभियान चलाती है, लेकिन कुछ दिनों बाद ही उस अभियान को बंद कर दिया जाता है. 

नगर परिषद और जिला प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान 

लोगों ने कहा कि नंदीशाला बनकर कंप्लीट हो चुकी है, पर नगर परिषद गायों को शिफ्ट करने में देरी कर रहा है. इन गायों कई गंभीर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें कुछ लोगों की मृत्यु तक हो चुकी है. गायों के रहने के लिए उचित समाधान नहीं किया जा रहा है, जिससे वह भी दर-दर भटकने पर मजबूर है. लोगों ने कहा कि हमने नगर परिषद और  जिला प्रशासन से गायों को नंदीशाला में शीघ्र शिफ्ट करने की मांग की थी. इस समस्या पर अभी तक नगर परिषद सभापति और आयुक्त ने कोई ध्यान नहीं दिया है.

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सड़क के बीच में बैठी हुई गाय

एक साल में हुई 12 लोगों की मौत

पिछले 5 सालों की बात की जाए तो गायों और सांडों के लड़ने के से आधा दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है. ढाई साल पहले दो सांडों की लड़ाई में शहर के ब्रह्मपुरी निवासी मुकेश दाधीच की मौत हो गई थी. इस मामले में कोर्ट ने 11 महीने पहले नगर परिषद से क्लेम राशि के रूप में 23 लाख 60 हजार 500 रुपये देने का आदेश दिया था. इसी तरह एक साल में 12 लोग अपनी जान गंवा छिके हैं और 100 लोग घायल हो चुके हैं. वर्तमान में 4 दिनों के भीतर 3 लोगो की मौत हो चुकी है. 1 महीने पहले बूंदी जिला परिषद के सीईओ दुर्गा शंकर मीणा भी तालेड़ा इलाके में फोरलेन पर गायों के टकराने से घायल हो गए थे. 

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शहर में सड़कों पर है 2 हजार लावारिस गाय

नगर परिषद के अनुसार, अभियान के तहत 2 हजार गायों को नंदीशाला में शिफ्ट किया जायेगा. नगर परिषद के सूत्रों के अनुसार, शहर में 2000 से अधिक बेसहारा गाय हैं. इन दिनों गांव में खरीफ की फसलें तैयार हो रही हैं, किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए इनको शहर की ओर छोड़ देते हैं.  वर्तमान में शहर के अहिंसा सर्किल, केएन सिंह चौराहा, एक खंभे की छतरी, नैनवां रोड चौराहा और पुलिस लाइन रोड पर अधिक बेसहारा गाय मिलती है.

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