Indian Army News: देश की सीमाओं पर जवानों के साथ अब रोबोटिक मल्टी-यूटिलिटी लेग्ड इक्विपमेंट यानी रोबोटिक डॉग भी तैनात होंगे. ये रोबोटिक डॉग किसी भी ऊंचे पहाड़ से लेकर पानी की गहराई तक जाकर काम करने में सक्षम हैं. इन्हें दस किमी दूर बैठकर भी ऑपरेट किया जा सकता है. एक घंटे चार्ज करने के बाद ये लगातार दस घंटे तक काम कर सकते हैं. जैसलमेर के पोकरण फायरिंग रेंज में रोबोटिक डॉग ने भारतीय सेना की बैटल एक्स डिवीजन के साथ अभ्यास किया है.
सौ रोबोटिक डॉग को सेना में किया शामिल
सेना ने इस डॉग के साथ दुश्मन को खोजने और उसे खत्म करने का अभ्यास किया है. इसके अलावा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सहायता और परिवहन में सुधार के लिए लॉजिस्टिक्स ड्रोन का परीक्षण किया जा रहा है. हाल ही में भारतीय सेना ने बॉर्डर से लगे इलाकों में (विशेषकर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में) उपयोग के लिए सौ रोबोटिक डॉग को शामिल किया है. सैन्य सूत्रों के अनुसार सेना का अभ्यास गुरुवार को समाप्त हुआ.
हथियार ले जाएगा रोबोटिक डॉग
भारतीय सेना की बैटल एक्स डिवीजन की एक इकाई के पचास से भी ज्यादा सैनिकों ने इसमें हिस्सा लिया. इसमें करीब दस रोबोटिक डॉग्स को शामिल किया गया था. इस दौरान रोबोटिक डॉग ने दुश्मन को खोजने, हथियार ले जाने, कैमरे से दुश्मन का ठिकाना बताने, सहित विषम परिस्थितियों में सैनिकों की मदद करने का ट्रायल दिया.
थर्मल कैमरों और रडार से लैस
रोबोटिक डॉग्स थर्मल कैमरों और रडार से लैस हैं. इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी डिजाइन है. यह बर्फ, रेगिस्तान, ऊबड़-खाबड़ जमीन, ऊंची सीढ़ियों यहां तक कि पहाड़ी इलाकों में हर बाधा को पार करने में सक्षम बनाता है. रोबोटिक डॉग जवानों को किसी भी नुकसान से बचाते हुए दुश्मन के ठिकानों पर गोलीबारी करने में भी सक्षम है.
वाई-फाई या लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन यानी एलटीई पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है. छोटी दूरी के लिए, वाई-फाई का उपयोग किया जा सकता है, जबकि 4जी/एलटीई का उपयोग दस किमी तक की दूरी के लिए किया जा सकता है. इसमें कैमरा लगा होता है जो 360 डिग्री तक घूम सकेगा.
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