स्वर्ण नगरी जैसलमेर में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय स्तर के तीसरे ज्योतिष व वास्तु सम्मेलन का आगाज किया गया. दो दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन का आयोजन स्थानीय जैन भवन में किया जा रहा है. समृद्धि फाउंडेशन की ओर से आयोजित किये जाने वाले इस सम्मेलन कल्पधारा-3 में देशभर से 50 से भी अधिक ज्योतिष विद्वान हिस्सा ले रहे हैं. आयोजन के दौरान ज्योतिष की नई चुनौतियों और उसके समाधान को लेकर भी विद्वानों द्वारा गहन मंथन किया जायेगा.
इस दौरान डॉ. कल्पना शर्मा ने बताया कि जैसलमेर जिले के लिये यह एक सुनहरा अवसर है जब देशभर के जाने माने ज्योतिष व वास्तु से जुड़े लोग यहां एकत्र हुए हैं. ऐसे में इन विषयों में रुचि रखने वाले छात्रों सहित आमजन भी अपनी समस्याओं के ज्योतिषीय समाधान के लिये शिरकत कर सकते हैं.
हस्तरेखा से विभिन्न समस्याओं का निदान
सम्मेलन में पंडित श्यामदेव पालीवाल ने कहा कि बुजुर्ग पंडितों ने ज्योतिष जन्य अपने अनुभवों को हिन्दी में लिपिबद्ध किया है. जिसे छन्द ज्योतिष के नाम से जाना जाता है. उन्होंने कहा कि ज्योतिष की वैज्ञानिकता को रुसी वैज्ञानिक जार्जिस वालोत्सकी ने भी माना है. आयोजक मंडल के भरत लाल शास्त्री व चंद्रप्रकाश सोनी ने बताया कि जिनकी जन्म पत्रिका नहीं है या जन्म समय पता नहीं है तो वे भी हस्त रेखा विशेषज्ञों द्वारा समस्याओं का निदान ले सकते है.
ज्योतिष सम्मेलन में देशभर से आये ज्योतिष विद्वानों ने ज्योतिष की वर्तमान आवश्यकता को लेकर अपने विचार रखे. इस अवसर पर चंडीगढ़ से आई ज्योतिष डॉ. चारु शर्मा, जैसलमेर के पंडित श्यामदेव पालीवाल, चंद्रप्रकाश सोनी सहित विभिन्न विद्वानों ने अपने विचार प्रस्तुत किया.
दो दिन होगा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
सम्मेलन का उद्घाटन शनिवार को जैसलमेर सत्र जिला एवं सत्र न्यायाधीश पूरणमल शर्मा की अध्यक्षता में हुआ. इस अवसर पर उदयपुर के ज्योतिष विद्वान और गणितज्ञ हरीश चंद्र शर्मा ने मुख्य वक्ता के तौर पर ज्योतिष में ग्रहों की स्थिति और प्रभाव पर नए वैज्ञानिक सूत्रों पर अपना वक्तव्य दिया. कोटा खुला विश्वविद्यालय की निदेशक रश्मि बोहराए दिल्ली के विद्वान अनिल मिश्रा व संत जैनेंद्र कीर्ति कार्यक्रम में मौजूद रहे। रविवार को भी सम्मेलन में कई तरह की चर्चा का आयोजन किया जाएगा.
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