करवा चौथ से पहले राहु और केतु का राशि परिवर्तन होने जा रहा है. करीब डेढ़ साल बाद 30 अक्टूबर 2023 को राहु और केतु गोचर करेगा. इस दिन राहु मेष राशि से निकलर मीन राशि में प्रवेश करेंगे और केतु तुला राशि से कन्या राशि में गोचर करेंगे. मौजूदा समय में राहु मेष राशि में और केतु तुला राशि में मौजूद हैं.
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि 30 अक्टूबर 2023 को राहु-केतु गोचर करने जा रहे हैं. ज्योतिष गणना के अनुसार शनिदेव के बाद राहु-केतु सबसे ज्यादा दिनों तक किसी एक राशि में विराजमान रहते हैं.
ग्रह का होता है दुष्प्रभाव
शनि जहां ढाई साल के बाद राशि परिवर्तन करते हैं तो वहीं राहु-केतु 18 महीनों के बाद उल्टी चाल से चलते हुए राशि बदलते हैं. राहु-केतु ऐसे मायावी ग्रह हैं, जिनका नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं. ज्योतिष में इन्हें छाया ग्रह कहा गया है. इन्हीं दोनों ग्रहों के कारण कुंडली में कालसर्प दोष, पितृ दोष, गुरु चांडाल योग, अंगारक योग आदि बनते हैं. जिसका व्यक्ति के जीवन पर बहुत अशुभ प्रभाव पड़ता है.
ज्योतिष के अनुसार किसी ग्रह जब भी गोचर होता है तो इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ता है, लेकिन राहु-केतु के गोचर से मेष राशि वाले लोगों को विशेष राहत मिलेगी. क्योंकि इस गोचर से मेष राशि में चल रहे गुरु चांडाल योग का प्रभाव खत्म हो जाएगा. बता दें कि मेष राशि में गुरु और राहु दोनों के होने से गुरु चांडाल योग का निर्माण हुआ है.
वैदिक ज्योतिष में केतु ग्रह का महत्व
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक ज्योतिष में केतु ग्रह को एक छाया ग्रह माना गया है. इसे छाया ग्रह इसलिए कहा जाता है क्योंकि केतु का अपना कोई वास्तविक रूप या आकार नहीं है. यह मोक्ष, अध्यात्म और वैराग्य का कारक है और एक रहस्यमी ग्रह है. इसलिए जब केतु किसी व्यक्ति की कुंडली में शुभ होता है तो वह उस व्यक्ति की कल्पना शक्ति को असीम कर देता है. जबकि अशुभ होने पर यह इंसान का सर्वनाश कर सकता है. केतु ग्रह किसी भी राशि का स्वामी नहीं होता है, लेकिन धनु राशि में यह उच्च और मिथुन राशि में नीच का होता है.
उपाय
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि जिन जातकों की कुंडली में राहु-केतु अशुभ प्रभाव रखते हैं उनको इससे बचने के लिए शनिदेव और भैरव भगवान की पूजा-अर्चना करनी चाहिए.
इसके साथ ही माता दुर्गा की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. नाग पर नाचते हुए भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करनी चाहिए, साथ ही मंत्र (ओम नमः भगवते वासुदेवाय) का जाप करें.
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्लेषक डा. अनीष व्यास से जानते हैं मीन में राहु और कन्या राशि में केतु के गोचर का सभी 12 राशियों पर प्रभाव-
मेष
चीज़ें थोड़ी निराशाजनक भी लग सकती हैं. आप जो भी करें, आप जल्दी कर सकते हैं. कुछ कामों में गलतियां हो सकती हैं. स्वास्थ्य के मामले में काम अधिक सावधानी से करने होंगे.
वृषभ
समाज में सम्मानजनक स्थान मिलने का भी समय आएगा. वरिष्ठ अधिकारियों से संवाद के अवसर भी मिलेंगे. सामाजिक दायरा बढ़ने की प्रबल संभावना है.
मिथुन
आपके कार्यक्षेत्र में कुछ बदलाव होने की संभावना है, लेकिन इस समय आप अपनी मेहनत के दम पर मजबूत स्थिति बनाने में सफल रहेंगे. आपको अपने काम के लिए प्रशंसा पाने के कुछ मौके भी मिल सकते हैं.
कर्क
कार्यक्षेत्र में आप सफल रहेंगे, मेहनत का फल आपको देर-सवेर जल्द ही मिलेगा. इस समय भाग्य का साथ मिलने में कुछ रुकावटें आ सकती हैं लेकिन चीजें आपके पक्ष में जरूर काम करेंगी.
सिंह
नौकरी में वरिष्ठों और गुप्त शत्रुओं के कारण चिंता हो सकती है. बेकार की बातों में समय बर्बाद कर सकते हैं. इसलिए अभी थोड़ा संयम बरतने की जरूरत होगी. वाहन आदि का प्रयोग सावधानी से करें.
कन्या
आपको अपने बिजनेस पार्टनर से जुड़े काम में थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत होगी क्योंकि उन्हें इस समय कई चीजों के बारे में सोचना होगा लेकिन एक साथ बहुत सारे काम में शामिल होने से बचना होगा.
तुला
जीवनसाथी के साथ किसी भी तरह की बहस से आपको बचना होगा. स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं, कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों में आपको सफलता मिलेगी.
वृश्चिक
यह समय माता-पिता के लिए बच्चों पर ध्यान देने का होगा. प्रेम संबंध इस समय बहुत अच्छे नहीं रहेंगे, लेकिन एक से अधिक उन्नति के संकेत मिलेंगे. प्रेम संबंधों में बदलाव और रोमांच का समय रहेगा.
धनु
जीवन में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं जिससे चिंता और थकान प्रभावित होगी. पारिवारिक रिश्ते बिगड़ने के कारण आप घर से दूर रह सकते हैं. शांति और धैर्य से काम लेना चाहिए है.
मकर
आपको छोटी दूरी की यात्राओं पर जाने का अवसर मिल सकता है. व्यस्तता अधिक और जल्दबाजी अधिक रहने वाली है. कार्यस्थल पर सहयोग के लिए सहकर्मियों पर भरोसा करने और उनका समर्थन करने का भी समय होगा.
कुंभ
आर्थिक मामलों में अच्छे संकेत देखने को मिलेंगे. वाणी में कठोरता आ सकती हैं. स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति सचेत रहना होगा और खान-पान या खानपान की आदतों को भी संतुलित रखना होगा.
मीन
स्वभाव में गर्म मिजाज और आक्रामकता देखने को मिल सकती है. व्यक्तिगत या पारिवारिक रिश्तों में कुछ उतार-चढ़ाव आ सकते हैं. वाणी और व्यवहार में कड़वाहट के कारण रिश्ते खराब हो सकते हैं. आध्यात्मिक पक्ष मजबूत रहने वाला है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष से प्राप्त जानकारी पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)