Kartik Snan 2023: शनिवार को शरद पूर्णिमा के साथ कार्तिक मास का प्रारंभ हो गया है. इसके साथ ही एक महीने तक चलने वाला कार्तिक स्नान का भी शुभारंभ हो गया है. शनिवार को कार्तिक स्नान के पहले दिन धामिक नगरी पुष्कर स्थित पुष्कर सरोवर में पवित्र स्नान के लिए श्रद्धालुओं को हुजूम जुटा. श्रद्धालुओं ने पुष्कर सरोवर में स्नान के बाद मंदिरों में दर्शन कर सरोवर की परिक्रम लगाई और गायों को चारा खिलाया. मालूम हो कि पूरे माह कार्तिक मास में सुबह सूर्योदय से पहले स्नान किया जाता है. कई लोग नदी, सरोवर आदि में स्नान करते हैं तो कई लोग अपने घर में ही स्नान करते हैं. बात अजमेर के पुष्कर की करें तो यहां बड़ी संख्या श्रदालु पूरे माह पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगाएंगे जबकि कई पांच दिन तक चलने वाले कार्तिक माह के पंचतीर्थी स्नान का धर्मलाभ कमाएंगे.
शरद पूर्णिमा के साथ शुरू हुआ कार्तिक महास्नान
आज शनिवार शरद पूर्णिमा का स्नान करने के लिए अलसुबह से सरोवर के मुख्य घाटों पर श्रदालुओं का जमावड़ा होने लगा. श्रदालुओं ने आस्था की डुबकी लगाने के बाद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पवित्र सरोवर की पूजा-अर्चना कर पंडितों को दान दक्षिणा दी. पंडित यशवंत पाराशर ने बताया कि पदम् पुराण में कार्तिक माह में पुष्कर सरोवर स्नान का विशेष महत्व बताया गया है और पंचतीर्थी स्नान के दौरान तो 33 करोड़ देवी देवता पाँच दिनों तक पुष्कर में ही विराजते हैं.
शरद पूर्णिमा का चंद्रमा 16 कलाओं में निपुण
पंडित मधुसूधन पाराशर ने बताया कि ग्रहण के सूतक के चलते शुक्रवार को ही शरद पूर्णिमा मानकर भगवान चंद्रमा के खीर का भोग लगाया. पंडित दीनदयाल पाराशर ने बताया कि शरद पूर्णिमा का चंद्रमा 16 कलाओं से निपुण होता है इसलिये खीर का भोग लगाने से परिवार में खुशहाली आती है. पंडित सुभाष पाराशर ने बताया कि शरद पूर्णिमा के दिन 52 घाट स्नान का विशेष महत्ब बताया गया है. शरद पूर्णिमा स्नान के बाद श्रदालुओं ने मंदिरों के दर्शन कर सरोवर की परिक्रमा लगाई और गायों को चारा खिलाया.
चंद्र ग्रहण के सूतक काल के साथ मंदिरों के कपाट हुए बंद
पुष्कर के जगत पिता ब्रह्मा मंदिर के पुजारी लक्ष्मी निवास वशिष्ठ ने बताया कि आज आश्विन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा शनिवार को भारत में चन्द्रग्रहण दृश्यमान होगा. जिसके चलते दोपहर 4 बजकर 5 मिनट पर चन्द्र ग्रहण का सूतक प्रारम्भ हो जाएगा और सूतक लगने से पूर्व ब्रह्मा मन्दिर के गर्भगृह का द्वार तथा मन्दिर का मुख्य द्वार सभी श्रद्धालुओं के लिय बन्द कर दिए जाएंगे.
रात 2.33 मिनट पर ग्रहण की शुद्धि
चन्द्रग्रहण की शुद्धि 28 अक्टूबर को रात्रि में 2 बजकर 23 मिनट पर होगी. ग्रहण की शुद्धि के बाद मन्दिर का निज गर्भगृह का द्वार व मुख्य द्वार 29 अक्टूबर 2023 को प्रातः कालीन मंगला आरती के समय सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर खोला जाएगा.
इसके बाद सरोवर में शुद्ध स्नान प्रारंभ हो जाएगा. देशभर से आए श्रद्धालु पुष्कर सरोवर में आस्था के डुबकी लगाकर अपने घरों की ओर प्रस्थान करेंगे. ग्रहण काल में जाप और देव सुमिरन के विशेष महत्व के चलते सरोवर पर आज सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा शुरू हो गया है.
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