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This Article is From Oct 25, 2023

Sharad Purnima 2023: इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण भी, बन रहे हैं 4 शुभ योग, जानें शुभ मुहूर्त

इस बार शरद पूर्णिमा शनिवार 28 अक्टूबर के दिन गजकेसरी योग, बुधादित्य योग, शश योग सौभाग्य योग और सिद्धि योग का शुभ संयोग भी रहने वाला है. साथ ही इस दिन साल का अंतिम चंद्रग्रहण भी लगने जा रहा है.

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Sharad Purnima 2023: इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण भी, बन रहे हैं 4 शुभ योग, जानें शुभ मुहूर्त
प्रतीकात्मक चित्र

Sharad Purnima: हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है. पौराणिक मान्यता है कि हर माह पूर्णिमा तिथि पर व्रत रखने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है. वहीं सभी पूर्णिमा व्रत में भी शरद पूर्णिमा को सर्वोत्तम माना गया है और इस दिन देवी लक्ष्मी के साथ-साथ चंद्र देव की पूजा की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को मनाई जाएगी और इस दिन रात में चंद्र ग्रहण लगने के कारण इस तिथि का महत्व बढ़ गया है. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार शरद पूर्णिमा शनिवार 28 अक्टूबर के दिन गजकेसरी योग, बुधादित्य योग, शश योग सौभाग्य योग और सिद्धि योग का शुभ संयोग भी रहने वाला है.

किस राशि में होगा चंद्रग्रहण का प्रभाव

28 अक्‍टूबर को लगने वाले इस ग्र‍हण के वक्‍त कई शुभ योग बने हैं. इनके प्रभाव से ग्रहण का अशुभ प्रभाव कम हो जाएगा. उस वक्‍त चंद्रमा भी मेष राशि में होंगे और गुरु पहले से ही यहां विराजमान हैं. इस तरह गुरु और चंद्रमा मिलकर मेष राशि में गजकेसरी योग बना रहे हैं. कन्‍या राशि में स्थित सूर्य, मंगल और बुध की शुभ दृष्टि भी इन पर रहेगी. इसके अलावा ग्रहण के शुरू होने के वक्‍त सिद्ध योग भी लग जाएगा और शनि भी अपनी मूलत्रिकोण राशि कुंभ में बैठकर शश नामक राजयोग बनाएंगे. सूर्य और बुध भी कन्‍या राशि में बुधादित्‍य राजयोग बना रहे हैं.

खुले आसमान के नीचे होगी अमृत वर्षा

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि चंद्र ग्रहण के मोक्ष के बाद खुले आसमान के नीचे आप खीर रख सकते हैं. आप खीर बनाने के लिए गाय के दूध में सूतक काल शुरू होने के पहले कुशा डाल दें फिर उसे ढककर रख दें, इससे सूतक काल के दौरान दूध शुद्ध रहेगा बाद में आप इसकी खीर बनाकर भोग लगा सकेंगे. इस दौरान खीर बनाने की प्रक्रिया ग्रहण खत्म होने के बाद शुरू की जाएगी फिर भोर में आप अमृत वर्षा के लिए इसे खुले आसमान के नीचे रख सकते हैं.

इस बार कब बनेगा शुभ योग

इस बार शरद पूर्णिमा शनिवार 28 अक्टूबर के दिन गजकेसरी योग, बुधादित्य योग, शश योग सौभाग्य योग और सिद्धि योग का शुभ संयोग भी रहने वाला है. साथ ही इस दिन साल का अंतिम चंद्रग्रहण भी लगने जा रहा है.

भारत में भी यह चंद्रग्रहण दिखाई देगा ऐसे में इसका सूतक काल मान्य होगा. बता दें कि चंद्रग्रहण लगने से पहले सूतक काल 9 घंटे पहले लग जाता है. 28 अक्टूबर के दिन पूर्णिमा तिथि आरंभ सुबह 4:18 मिनट से हो रहा है. पूर्णिमा तिथि 29 तारीख को 1:54 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. शरद पूर्णिमा का व्रत जो लोग रखते हैं वह 28 अक्टूबर को ही इस व्रत को रखेंगे.

चंद्रग्रहण का समय-

ग्रहण का स्पर्श रात- 1:05 बजे
ग्रहण का मध्य रात्रि 1:44 बजे
ग्रहण का मोक्ष रात्रि 2:24 बजे
ग्रहण का सूतक दोपहर 4:05 बजे

शरद पूर्णिमा पर खीर खाने का लाभ

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि हिंदू धर्म में चांद का भी अधिक महत्व होता है, और शरद पूर्णिमा के दिन चांद की रोशनी पड़ने हमारे जीवन में शांति आती है. चांद की रोशनी को हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है. इसलिए इस रात आसमान के नीचे खीर बनाकर रखी जाती हैं. बाद में इसका सेवन करने से हमें औषधीय गुण भी प्राप्त होते हैं.

श्वांस के रोगियों को फायदा 

कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि नेचुरोपैथी और आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार शरद पूर्णिमा की शुरुआत ही वर्षा ऋतु के अंत में होती है. रातभर चांदनी में रखी हुई खीर शरीर और मन को ठंडा रखती है. ग्रीष्म ऋतु की गर्मी को शांत करती और शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती है. यह पेट को ठंडक पहुंचाती है. श्वांस के रोगियों को इससे फायदा होता है साथ ही आंखों रोशनी भी बेहतर होती है.

शरद पूर्णिमा व्रत विधि 

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि पूर्णिमा के दिन सुबह इष्ट देव का पूजन करना चाहिए. इन्द्र और महालक्ष्मी जी का पूजन करके घी के दीपक जलाकर उसकी गन्ध पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए. ब्राह्मणों को खीर का भोजन कराना चाहिए और उन्हें दान दक्षिणा प्रदान करनी चाहिए. लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रुप से किया जाता है. इस दिन जागरण करने वालों की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है. रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करना चाहिए. मंदिर में खीर आदि दान करने का विधि-विधान है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन चांद की चांदनी से अमृत बरसता है.

शरद पूर्णिमा पर पूजा करने से लाभ

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शरद पूर्णिमा की रात जब चारों तरफ चांद की रोशनी बिखरती है उस समय मां लक्ष्मी की पूरा करने आपको धन का लाभ होगा. मां लक्ष्मी को सुपारी बहुत पसंद है सुपारी का इस्तेमाल पूजा में करें. पूजा के बाद सुपारी पर लाल धागा लपेटकर उसको अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि से पूजन करके उसे तिजोरी में रखने से आपको धन की कभी कमी नहीं होग.

यह भी पढ़ें- साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लग रहा है शरद पूर्णिमा की रात, जानिए किस तरह चंद्रमा और मां लक्ष्मी की होती है पूजा 

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