राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (RLSA) की टीम ने 'मेरी पहल' संस्था में औचक निरीक्षण के दौरान 8 महीने से अवैध रूप से रोककर रखे गए लोगों को रेस्क्यू किया है. मेरी पहल संस्था भिक्षा वृत्ति में शामिल लोगों को रेस्क्यू करने के लिए अधिकृत की गई थी. जानकारी के अनुसार, संस्था में 11 महिला और 5 पुरुष को अवैध रूप से रोककर रखा गया है. जिन्हें बाहर लाकर वहां पर रखा गया था. कुछ दिनों पहले चौमूं थाना क्षेत्र की एक लड़की द्वारा दिए गए बयान के आधार पर यह कार्रवाई की गई.
मेरी पहल संस्था के परिसर में कार्रवाई
जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई मेरी पहल संस्था के परिसर में की गई. रेस्क्यू ऑपरेशन रालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस एस.पी. शर्मा के निर्देशन में संपन्न हुआ. अभियान में रालसा के सदस्य सचिव हरिओम शर्मा, निदेशक नीरज कुमार भारद्वाज, सीजेएम नवीन किलानिया, डीएलएसए सचिव एडीजे पल्लवी शर्मा और पवन कुमार जीनवाल सहित पुलिस जाब्ता मौजूद रहा.
फिलहाल कई न्यायिक अधिकारी और पुलिस बल मौके पर मौजूद हैं और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. एडीजे पल्लवी शर्मा ने बताया कि रालसा के नेतृत्व में आज यह रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया है. यहां पर हमें 11 महिलाएं मिली. इनमें से तीन जो कि पुलिस आदेश के बाद यहां पर आई थी. उनकी यहां पर कोई उपस्थिति भी दर्ज नहीं पाई गई है.
महिलाओं की आयु 18 साल से अधिक
सभी महिलाएं 18 वर्ष से अधिक आयु की है. वे अपने घर जाना चाहती हैं, लेकिन संस्था के द्वारा रिहैबिलिटेशन के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि संस्था का दावा है कि वह यहां पर स्किल डेवलपमेंट के लिए कार्य करते हैं, लेकिन ऐसा कोई कार्य भी यहां पर नहीं किया जा रहा है.
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