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राजस्थान में SIR के बाद कटे वोटरों का सियासी गुणा-गणित, शेखावाटी से लेकर आदिवासी क्षेत्र का क्या है हाल

जयपुर सहित ढूंढाड़ क्षेत्र में सबसे अधिक 9.48 फीसदी नामों की कटौती हुई है. इसके बाद मेवाड़, वागड़ और हाड़ौती से वोटों की कटौती हुई है. वहीं, सबसे कम कटौती शेखावटी और मेवात - ब्रिज क्षेत्र में हुई है.

राजस्थान में SIR के बाद कटे वोटरों का सियासी गुणा-गणित, शेखावाटी से लेकर आदिवासी क्षेत्र का क्या है हाल

Rajasthan SIR: राजस्थान में विशेष गहन संशोधन (Special Intensive Revision - SIR) के बाद मंगलवार को पहला ड्राफ्ट रोल प्रकाशित किया गया है. इस सूची से 41.84 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने के बाद राजस्थान की सियासत में हलचल मच गई है. जबकि अब सियासी गुणा-गणित भी शुरू हो गया है. विपक्ष एक ओर एसआईआर को लेकर जहां सरकार को घेर रहा है, वहीं आंकड़े कुछ और बयान कर रहे हैं. हालांकि, फिलहाल सभी राजनीतिक पार्टियों मतदाता-सूची के विधानसभावार आंकड़ों का इंतजार कर रही हैं, ताकि थोड़ा सटीक आंकलन किया जा सके.

राजधानी जयपुर सहित ढूंढाड़ क्षेत्र में सबसे अधिक 9.48 फीसदी नामों की कटौती हुई है. इसके बाद मेवाड़, वागड़ और हाड़ौती से वोटों की कटौती हुई है. वहीं, सबसे कम कटौती शेखावटी और मेवात - ब्रिज क्षेत्र में हुई है. राजनीतिक विश्लेषको का मानना है कि जब तक विधानसभावार विश्लेषण नहीं होता, तब तक इस पैटर्न को पूरी तरह समझना मुश्किल है. 

भाजपा के गढ़ में कटौती

ढूंढाड़ क्षेत्र में जयपुर जिले में सर्वाधिक 5 लाख 36 हजार 417 (11.11%) मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं. यहां 2023 के विधानसभा चुनाव में 17 सीटों में से भाजपा के पास 10 और कांग्रेस के पास 7 सीटे हैं. वहीं, अजमेर से 1 लाख 52 हजार 484 (10.12%) नाम हटाए गए हैं. यहां भाजपा ने 7 में से 6 सीटें जीती थी.

ढूंढाड़ के बाद मेवाड़ क्षेत्र में 5 लाख 46 हजार 675 (8.73%) मतदाताओं के नाम हटाए गए. पिछले विधानसभा चुनाव में यहां की 23 सीटों में से भाजपा ने 19 पर जीत दर्ज की थी. 

हाड़ौती क्षेत्र में 3 लाख 61 हजार 512 (8.39%) मतदाताओं के नाम कटे हैं. यहां की 17 सीटों में से 10 पर भाजपा का कब्जा है.

मारवाड़ में 18 लाख 37 हजार 40 (6.63%) नाम कटे हैं. यहां भाजपा के पास 33 और कांग्रेस के पास 8 सीटें हैं. 

शेखावाटी क्षेत्र का हाल

वहीं, जहां शेखावाटी क्षेत्र को कांग्रेस प्रधान माना जाता है, वहां सबसे कम 3 लाख 55 हजार 709 (4.03%) मतदाताओं के नाम काटे गए हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र की 32 सीटों में  कांग्रेस ने 20, भाजपा ने 11 और एक सीट निर्दलीय ने जीती थी. इसके अलावा, मुस्लिम बहुल मेवात- ब्रिज क्षेत्र में 4 लाख 52 हजार 435(6.18%) नाम हटाए गए हैं. यहां का राजनीतिक परिदृश्य मिला जुला है. यहां कांग्रेस के पास 10 तो भाजपा के पास फिलहाल 15 सीटें हैं.

आदिवासी क्षेत्र में 3 लाख वोट कटे

इसके साथ ही राजस्थान का आदिवासी अंचल वागड़ क्षेत्र, जहां परंपरागत रूप से कांग्रेस और भारत आदिवासी पार्टी जैसे दलों को समर्थन मिलता है, वहां भी 3 लाख 59 हजार 149(8.44%) नाम हटे हैं. यहां भाजपा के पास 5 और कांग्रेस का 6 सीटों पर कब्जा है. वहीं, 4 पर भारत आदिवासी पार्टी का कब्जा है. 

वहीं, कांग्रेस की ओर से एसआईआर को लेकर सरकार पर निशाना साधा जा रहा है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि भाजपा को बताना चाहिए कि 42 लाख मतदाता आखिर कहां गए? अगर ये मतदाता पहले मौजूद थे तो अब अचानक गायब कैसे हो गए? यदि मजदूर और गरीब लोग स्थानांतरित हुए हैं, तो कहीं और मतदाता संख्या बढ़नी चाहिए थी. इसके उलट, सभी जगह मतदाताओं की संख्या घटी है. उन्होंने भाजपा पर मतदाता कटौती के जरिए चुनावी बढ़त हासिल करने का आरोप लगाया.

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