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जल जीवन मिशन योजना की स्थिति राजस्थान में बेहद खराब, मंत्री ने कहा- सिस्टम दुरुस्त करने में अभी लगेंगे 2 साल

देश में कुल ग्रामीण परिवारों के 81.37 प्रतिशत घरों में नल से जल की आपूर्ति हो रही है, जबकि राजस्थान में यह आंकड़ा केवल 57.67 प्रतिशत है. यानी प्रदेश राष्ट्रीय औसत से करीब 24 प्रतिशत पीछे चल रहा है.

जल जीवन मिशन योजना की स्थिति राजस्थान में बेहद खराब, मंत्री ने कहा- सिस्टम दुरुस्त करने में अभी लगेंगे 2 साल

Jal Jeevan Mission: केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण घरों तक नल से जल पहुंचाने की योजना में राजस्थान की स्थिति बेहद ख़राब है. 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में राजस्थान 31वें स्थान पर है. प्रदेश से नीचे केवल केरल, झारखंड और पश्चिम बंगाल हैं. देश में कुल ग्रामीण परिवारों के 81.37 प्रतिशत घरों में नल से जल की आपूर्ति हो रही है, जबकि राजस्थान में यह आंकड़ा केवल 57.67 प्रतिशत है. यानी प्रदेश राष्ट्रीय औसत से करीब 24 प्रतिशत पीछे चल रहा है. वहीं इस मामले में मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा है कि अभी सिस्टम दुरुस्त करने में दो साल और लगेंगे.

आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान का कोई भी जिला अब तक 100 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन देने का लक्ष्य हासिल नहीं कर सका है. हालांकि कुछ जिलों का प्रदर्शन लक्ष्य के नजदीक है. हनुमानगढ़ 90.21 प्रतिशत कवरेज के साथ राज्य में पहले स्थान पर है. भीलवाड़ा में 87.65 प्रतिशत, श्रीगंगानगर में 87.10 प्रतिशत, डीडवाना कुचामन में 84.17 प्रतिशत और पाली में 83.80 प्रतिशत ग्रामीण घरों में नल जल कनेक्शन किए जा चुके हैं.

किन जिलों में सबसे ज्यादा चुनौती

सबसे बड़ी चुनौती उन जिलों से सामने आ रही है जहां प्रगति 40 प्रतिशत से भी कम है. पश्चिमी राजस्थान का बाड़मेर जिला सबसे निचले पायदान पर है, जहां केवल 21.16 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को ही नल जल कनेक्शन मिल पाया है. डीग में 26.83 प्रतिशत, चित्तौड़गढ़ में 28.91 प्रतिशत, डूंगरपुर में 32.09 प्रतिशत, प्रतापगढ़ में 34.26 प्रतिशत, बांसवाड़ा में 36.55 प्रतिशत, उदयपुर में 36.40 प्रतिशत और बूंदी में 36.34 प्रतिशत कवरेज दर्ज किया गया है.

मंत्री ने कहा विभागीय स्तर पर विफलता

NDTV से बातचीत में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने माना कि जल जीवन मिशन में विभागीय स्तर पर विफलता रही है. हालांकि उन्होंने इसके लिए पिछली कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया. जलदाय मंत्री ने कहा कि शुरुआती दो वर्ष कांग्रेस शासनकाल की गड़बड़ियों की जांच और व्यवस्था सुधारने में लग गए, जिससे लक्ष्य हासिल करने में देरी हुई.

61 अधिकारी और कर्मचारी हो चुके हैं निलंबित

कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार ने नाराजगी भी जताई है और बजट मिलने में भी दिक्कतें आई हैं, लेकिन राज्य सरकार लक्ष्य पूरा करने की दिशा में प्रयासरत है. उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत 380 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जबकि 61 अधिकारियों और कर्मियों को निलंबित किया जा चुका है.

सिस्टम दुरुस्त करने में अभी और दो साल

जलदाय मंत्री के अनुसार जल जीवन मिशन में पूरा सिस्टम दुरुस्त करने और हर घर तक पानी पहुंचाने में अभी दो वर्ष और लगेंगे. उन्होंने भरोसा जताया कि आने वाले दो वर्षों में लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा. मंत्री ने यह भी बताया कि मिशन के तहत अब तक 38 लाख कनेक्शन ही हो पाए हैं, जबकि लक्ष्य 92 लाख का था. इसके अलावा अमृत टू योजना के तहत 175 नगरीय निकायों में काम पूरा किया जा चुका है और पिछले दो वर्षों में सात हजार 900 गांवों को जल आपूर्ति से जोड़ा गया है.

जल जीवन मिशन की शुरुआत अगस्त 2019 में हुई थी. उस समय राजस्थान के कुल 1 करोड़ 7 लाख 74 हजार 308 ग्रामीण परिवारों में से सिर्फ 11 लाख 74 हजार परिवारों के पास ही नल जल कनेक्शन था, जो महज 10.90 प्रतिशत था. अगस्त 2019 से लेकर दिसंबर 2025 के पहले सप्ताह तक प्रदेश में 46 लाख 64 हजार नए नल कनेक्शन दिए गए. इसके बावजूद अब तक केवल 62 लाख 13 हजार 106 ग्रामीण परिवारों को ही नल से जल की आपूर्ति मिल पा रही है. यानी लगभग 42 प्रतिशत ग्रामीण परिवार आज भी कनेक्शन की प्रतीक्षा में हैं.

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