Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर में युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए पुलिस ने बड़ा अभियान चलाया है. जयपुर पुलिस कमिश्नर सचिन मित्तल को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि शहर के रेस्टोरेंट कैफे और क्लबों में युवाओं को नशीले पदार्थ दिए जा रहे हैं. इस पर तुरंत एक्शन लेते हुए सीएसटी क्राइम ब्रांच टीम ने जांच शुरू की. पहले एक गुप्त ऑपरेशन किया गया जिसमें सच्चाई सामने आई. फिर देर रात टीम ने 22 जगहों पर एक साथ छापेमारी की.
इस दौरान दो दर्जन से ज्यादा लोगों के चालान काटे गए और तीन दर्जन से अधिक हुक्का फ्लेवर चिलम तंबाकू जैसी सामग्री जब्त की गई. क्लब मालिकों के खिलाफ कोटपा एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया. यह कार्रवाई शहर के युवाओं को नशे की गिरफ्त से बाहर निकालने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
देर रात पार्टी करते मिले लोग
जयपुर में इन दिनों रात की सजीली दुनिया तेजी से फैल रही है. युवा यहां पार्टी और मस्ती के नाम पर आते हैं लेकिन कई जगहों पर उन्हें नशे का सामान परोसा जा रहा है. शहर में हुक्का पर सख्त पाबंदी है फिर भी कुछ संचालक चुपके से यह धंधा चला रहे हैं. पुलिस अधिकारियों ने माना कि इसमें स्थानीय थानों की पुलिस की लापरवाही और सांठगांठ भी शामिल है.
इस छापेमारी से साफ हो गया कि नशे का यह जाल कितना गहरा है. टीम ने रात भर मेहनत से इन ठिकानों को खंगाला और सबूत जुटाए. अब पुलिस संचालकों से कह रही है कि वे अपने कारोबार की आड़ में कोई गलत काम न करें. जयपुर पुलिस नशे को किसी भी हाल में सहन नहीं करेगी. युवाओं की सुरक्षा सबसे ऊपर है.
भविष्य में और तेज होगी मुहिम
यह छापेमारी सिर्फ एक रात की नहीं बल्कि पूरे शहर के इलाकों में फैली हुई थी. इससे साफ संदेश गया कि जयपुर पुलिस अब नशे के खिलाफ पूरी तरह सख्त हो गई है. आने वाले दिनों में ऐसी कार्रवाई और बढ़ाई जाएगी. लक्ष्य है कि नशे को जयपुर से पूरी तरह मिटा दिया जाए.
पुलिस का कहना है कि युवाओं का भविष्य बचाना उनकी जिम्मेदारी है और वे इसमें कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. इस अभियान से शहरवासियों में उम्मीद जगी है कि जयपुर जल्द नशामुक्त बनेगा.
यह भी पढ़ें- राजस्थान: SIR प्रक्रिया में BLO की बड़ी लापरवाही, फेमस कवि को जीते जी मृत घोषित कर नाम काटा