Jaipur Fire Accident News: राजस्थान के जयपुर में हुए गैस टैंकर हादसे में मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 14 हो गई. वहीं राजस्थान उच्च न्यायालय ने घटना का स्वत:संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. नोटिस जारी करते हुए न्यायमूर्ति अनूप कुमार ढंड की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी को तय की है. पीठ ने केंद्रीय आपदा प्रबंधन मंत्रालय, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिवों और राजस्थान के मुख्य सचिव तथा आपदा प्रबंधन और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस विभागों के सचिवों को नोटिस जारी किया है.
अदालत ने इस भीषण हादसे पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने कई लोगों की जान ले ली और अनेक की जिंदगी खतरे में पड़ गई.
24 लोगों का इलाज जारी
अदालत के आदेश में कहा गया है कि व्यापक जनहित में सार्वजनिक स्थानों पर आग लगने की ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर काबू पाने के लिए समाधान खोजने के खातिर (घटना का) स्वतः संज्ञान लिया जाता है. इस बीच जयपुर जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी द्वारा गठित समिति ने शनिवार को संबंधित अधिकारियों के साथ अपनी पहली बैठक की. जिसमें समिति सोमवार को अपनी रिपोर्ट पेश कर सकती है. शनिवार शाम तक इस हादसे में 14 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. हादसे में झुलसे 24 लोगों का इलाज किया जा रहा है.
अब तक हो चुकी 14 मौतें
सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी ने कहा कि कल पांच जले हुए शव मिले थे और आठ अन्य की मौत हो गई है. अब तक कुल 14 लोगों की मौत हो चुकी है. चौबीस मरीज SMS अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज किया जा रहा है. वहीं सात मरीज जीवन रक्षक प्रणाली पर हैं. भाटी ने आगे कहा कि एक शव दूसरे अस्पताल ले जाया गया है.
अधूरा निर्माण कार्य, अचानक 'कट' हो सकता है कारण
हम सुरक्षा नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं. इस बीच विशेषज्ञों का मानना है कि यातायात प्रबंधन की खामियां और राष्ट्रीय राजमार्ग पर जारी निर्माण कार्य इस भीषण दुर्घटना के कारणों में से एक हो सकता है. विशेषज्ञों ने कहा कि राजमार्ग पर उचित और पर्याप्त संकेतक (साइन) नहीं होना, अधूरा निर्माण कार्य, अचानक 'कट' और लोगों में यातायात की पूरी समझ नहीं होना इस दुर्घटना की वजह हो सकती है.
चौराहे पर नहीं हाई मास्क लाइट
सड़क सुरक्षा नेटवर्क (RSN) से जुड़े जॉर्ज चेरियन ने कहा कि जयपुर-अजमेर हाईवे का यह हिस्सा दुर्घटना संभावित इलाकों में से है. जहां खराब यातायात प्रबंधन और मौजूदा निर्माण कार्य से स्थिति खतरनाक हो गई. सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. प्रेरणा अरोड़ा सिंह ने कहा कि चौराहे पर हाई मास्क लाइट नहीं है. सर्दियों में दृश्यता बहुत कम हो जाती है. वहीं 'कट' पर किसी भी प्रकार का रिफ्लेक्टर या संकेतक आदि भी नहीं है.
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