जयपुर: सुरंग खोदकर डकैती करने के मामले में चार आरोपी बरी, कोर्ट ने DGP को जांच अधिकारी पर कार्रवाई के दिए निर्देश 

राजस्थान में जयपुर में दो साल पुरानी डकैती साजिश केस में चारों आरोपी बरी हो गए. अदालत ने पुलिस जांच में गंभीर खामियां बताते हुए डीजीपी को जांच अधिकारी पर कार्रवाई का आदेश दिया.  

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर में दो साल पहले एक हैरतअंगेज डकैती की साजिश सामने आई थी. अब इस मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया है. जयपुर महानगर द्वितीय की विशेष अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पुलिस की जांच में इतनी बड़ी कमियां हैं कि पूरी कहानी पर शक होता है. अदालत ने जांच अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए डीजीपी को पत्र लिखने का आदेश दिया.

 पुलिस ने इस मामले में 23 गवाहों के बयान लिए और 52 सबूत जमा किए लेकिन ये सब बेकार साबित हुए. जज अजीत कुमार हिंगर ने अपने आदेश में साफ कहा कि जांच में गंभीर लापरवाही बरती गई जिससे आरोप साबित नहीं हो सके.

कैसे शुरू हुई थी यह चौंकाने वाली घटना

मामला जयपुर के अंबाबाड़ी इलाके से जुड़ा है. 23 जनवरी 2024 को सब्जी मंडी के पास एक ट्रक जमीन में धंस गया. नीचे बड़ा गड्ढा नजर आया. पुलिस ने जांच की तो पता चला कि वहां सुरंग खोदी जा रही थी. इसी दौरान अमन खान नाम का शख्स पुलिस देखकर भागने लगा. उसे पकड़ लिया गया. 

पूछताछ में अमन ने खुलासा किया कि मोहम्मद रिजवान खान उर्फ गुड्डू अपने साथियों के साथ बैंक और ज्वैलरी दुकान में डकैती के लिए सुरंग बना रहा था. उसकी बताई जगह पर पुलिस पहुंची तो एक दुकान मिली जहां से सुरंग शुरू हो रही थी. जांच से पता चला कि यह दुकान रिजवान ने मनोज नाम से फर्जी दस्तावेजों पर किराए पर ली थी. बाद में पुलिस ने दो और आरोपियों पप्पू उर्फ शरीफ और राशिद हुसैन अबरार को गिरफ्तार किया.

अदालत ने जांच की कमियां गिनाईं

अदालत ने फैसले में जांच की कई खामियां बताईं. जांच अधिकारी यह साबित नहीं कर पाए कि मनोज ही रिजवान उर्फ गुड्डू था. दुकान के किराए के कागजों पर हस्ताक्षरों की फॉरेंसिक जांच तक नहीं कराई गई. मुख्य गवाहों से आरोपियों की पहचान परेड नहीं हुई जिससे पूरा केस कमजोर पड़ गया.

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इसके अलावा आरोपियों के मोबाइल फोन और सिम कार्ड जब्त नहीं किए गए. घटना से पहले और उस दिन उनकी लोकेशन की जांच भी नहीं हुई. इन सब वजहों से अदालत ने आरोपियों को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया.

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