जयपुर के जेके लोन अस्पताल में 10 साल के बच्चे को गलत खून चढ़ाने के मामले में जागा प्रशासन, जांच कमेटी गठित 

राजस्थान में जयपुर के जेके लोन अस्पताल में एक बच्चे को गलत खून चढ़ाने का मामला सामने आया है. जिसको लेकर अस्पताल में हड़कंप मच गया है. अब एक जांच कमेटी इस पूरे मामले की 4 दिन में रिपोर्ट देगी.

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जेके लोन अस्पताल जयपुर.

Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर के जेके लोन अस्पताल में कथित रूप से एक बच्चे को गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने का मामला सामने आया है. मामला है कि अस्पताल में 4 दिसंबर  को एक बच्चा भर्ती हुआ था. जिसको 5 दिसंबर को ब्लड चढ़ाया गया, लेकिन ब्लड चढ़ाने से पहले उसका ब्लड ग्रुप अलग था और चढ़ाने के बाद सैंपल लेने पर अलग आया.

जिसमें अस्पताल प्रशासन ने अब इसकी जांच के लिए 4 सदस्यीय कमेटी गठित की है. इसके लिए डॉ. कपिल गर्ग की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है. जिसमें डॉ. आर एन सेहरा, डॉ. केके यादव, डॉ. शांतिप्रिय भारद्वाज को शामिल किया गया है. साथ ही मामले में कमेटी 4 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट भी सौंपेंगी. 

यह था पूरा मामला

दरअसल, कामां का रहने वाला 10 साल का बच्चा मुस्तफा अचानक बीमार से बीमार पड़ गया. जिसके बाद बच्चे को परिजन नजदीकी अस्पताल ले गए. वहां से मुस्तफा को भरतपुर भेजा गया. भरतपुर में डॉक्टरों ने इलाज के बाद मुस्तफा को जेके लोन अस्पताल जयपुर रेफर कर दिया. मुस्तफा यहां 4 दिसंबर को पहुंचा था और 5 दिसंबर को उसे ब्लड चढ़ाया गया.

रिकॉर्ड में यह दर्ज है कि उसे AB+ ब्लड चढ़ाया गया था लेकिन दूसरी बार जब मुस्तफा का सैंपल लिया गया तो उसका ब्लड ग्रुप O+ मिला. जिसके बाद डॉक्टरों में हड़कंप मच गया. हालांकि मुस्तफा को स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी नहीं हुई. इसलिए यह कहा गया कि ब्लड सही चढ़ा है, बस रिकॉर्ड गलत लिखा गया था. वहीं बच्चे के परिजन भी ऐसा ही मानते हैं. 

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बच्चे की तबीयत में काफी सुधार

मामले में बच्चे के चाचा सरफुद्दीन ने बताया कि बच्चे के बीमार पड़ने के बाद हमने उसे कामां में दिखाया. फिर भरतपुर में भी इलाज कराया. इसके बाद भरतपुर में हमें बताया गया कि बच्चे की किडनी खराब है, इसे जयपुर जेके लोन अस्पताल ले जाया जाए फिर हम यहां आए. अभी उसकी तबियत में काफी सुधार है. पहले वह काफी तेज-तेज सांसे भरता था अब सही है. वहीं गलत ब्लड चढ़ाने की जानकारी मुझे न्यूज से ही मिली है. ऐसा कुछ नहीं हुआ है.

बच्चे को नहीं आई कोई दिक्कत

वहीं अस्पताल अधीक्षक डॉ. कैलाश मीणा ने मामले में कहा कि बच्चे की किडनी डिवेलप नहीं हो पाई थी और दोनों किडनी काम नहीं कर रही थी. जब  उसे यहां भर्ती कराया गया तो ब्लड की भी जरूरत थी. हमने 5 दिसंबर को इसे ब्लड चढ़ाया, तब सैंपल के मुताबिक इसे AB+ ब्लड चढ़ाया गया.

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लेकिन दूसरी बार इसका सैंपल लिया तो O+ आया. यह कैसे हुआ है इसकी जांच के लिए हमने एक कमेटी बनाई है. हालांकि बच्चे में ब्लड मिसमैच से होने वाली कोई दिक्कत नहीं आई है. इसलिए हो सकता है कि रिकॉर्ड में गलत हुआ हो या सैंपल गलत आया हो. क्या हुआ है यह जांच के बाद ही साफ हो पाएगा.

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