जयपुर से सामने आया लव जिहाद का मामला, CMO और विधायक के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच जारी

Jaipur Love Jihad case: राजस्थान की राजधानी जयपुर से लव जिहाद का एक मामला सामने आया है. घटना सामने आने के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया. हिंदू संगठनों के विरोध-प्रदर्शन के बाद सीएमओ और विधायक के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की है.

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पुलिस अधिकारी से लव जिहाद मामले में बात करते हिंदू संगठन के लोग.

Jaipur Love Jihad case: जयपुर से लव जिहाद का एक मामला सामने आया है. मिली जानकारी के अनुसार 11 जून को एक लड़की अपने घर से कॉलेज जाने के लिए निकलती है, लेकिन देर रात जब घर नहीं लौटी तो नजदीक के बिंदायका थाने में लिखित में सूचना देने पर पुलिस ने किसी पार्टी में होने का हवाला देकर लड़की के परिजनों को वापस लौटा दिया. जब घर में जाकर देखा तो घर से एक सोने की चैन, 20 हजार रुपए नगद और भाई की स्कूटी घर से गायब मिली. लड़की के परिजनों ने फिरोज नामक युवक और उसके सहयोगियों पर लड़की को ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है. परिजनों का आरोप है कि फिरोज और उसके साथियों के द्वारा गिरोह बनाकर हिंदू लड़कियों को फ़ंसाकर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता है. उसके बाद शादी के लिए मजबूर किया जाता है.

11 जून को कॉलेज जाने के लिए घर से निकली थी लड़की

मिली जानकारी के अनुसार लव जेहाद के मामले में परिजनों की FIR दर्ज नहीं करने को लेकर भड़के हिंदू संगठनों ने राजधानी जयपुर विरोध-प्रदर्शन किया. हिंदू संगठनों के विरोध के बाद मामले में सीएमओ और सिविल लाइँस विधायक गोपाल शर्मा के हस्तक्षेप के बाद जयपुर के बिंदायका थाने में मामला दर्ज किया गया. पुलिस FIR के मुताबिक घटना 11 जून की है. जिसमें फारुख नाम के युवक पर एक हिन्दू लड़की को बहला फुसलाकर भगाने का आरोप लगाया गया है. 

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घर से सोने की चैन, 20 हजार नकद और स्कूटी भी गायब

लड़की के परिजनों ने बिंदायका थाने में दिए शिकायत में बताया कि 11 जून के दिन लड़की अपने घर से कॉलेज जाने के लिए घर से निकली, जिसके बाद से वो वापस नहीं आई. लड़की के घर से एक सोने की चैन, 20 हजार रुपए नगद और भाई की स्कूटी गायब है. लड़की के परिजनों ने  फिरोज नामक युवक और उसके सहयोगियों पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है. लड़की के परिजनों की मांग है कि इस पूरे मामले की किसी उच्च पुलिस अधिकारी से जाँच करवाई जाए. 

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हंगामे के बाद विधायक और सीएमओ के हस्तक्षेप से FIR दर्ज

थाने में परिजनों की FIR दर्ज नहीं करने के बाद परिजनों के साथ डीसीपी पश्चिम अमित कुमार से कई संगठन मिलने पहुँचे और कार्यवाही की माँग की. लेकिन डीसीपी ने FIR दर्ज करने से मना कर दिया. इसके बाद संगठनों के पदाधिकारी और वकील भड़क गए. फिर फाइट फॉर राइट के अध्यक्ष सुनील उदेईया, परशुराम सेना के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चतुर्वेदी, विप्र महासभा के प्रदेश अध्यक्ष योगेन्द्र भारद्वाज, अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मण संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज थोई, बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विवेक शर्मा, सचिव अखिलेश जोशी, महावीर शर्मा, कमल कांत शर्मा सहित कई लोग डीसीपी कार्यालय में ही धरने पर बैठ गए.

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इसके बाद विधायक गोपाल शर्मा और उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद डीसीपी ने FIR दर्ज के आदेश दिए. फाइट फॉर राइट के प्रदेश अध्यक्ष सुनील उदेईया और अन्य सभी संगठनों ने सरकार से मांग की है कि अंतरधार्मिक विवाहों पर रोक लगाने का क़ानून बनाये इससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ रहा है. बच्चियों के साथ अप्रिय घटनाएँ बढ़ रही है. हत्या कर सूटकेस व फ्रिज में डालने जैसी घटनाएँ हो रही है. मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश में उच्च न्यायालय ने भी इस संबंध में ऐसी शादियों को अवैध घोषित करने के आदेश दिये है. इस संबंध में सरकार और प्रशासन ने यदि कड़े कदम नहीं उठाये तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

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