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जयपुर स्कूल हादसा: 'अमायरा उस दिन स्कूल नहीं आना चाहती थी', क्लासमेट्स का बड़ा खुलासा; आज शिक्षा विभाग सौंप सकता है रिपोर्ट

Jaipur School Girl Death Case Update: नीरजा मोदी स्कूल की चौथी क्लास की छात्रा अमायरा 1 नवंबर को चौथी मंज़िल से कूद गई थी. छात्रा के पर‍िजनों ने स्‍कूल प्रशासन पर लापरवाही और सच को छिपाने का आरोप लगाते हुए स्कूल प्रबंधन के ख‍िलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया है.

जयपुर स्कूल हादसा: 'अमायरा उस दिन स्कूल नहीं आना चाहती थी', क्लासमेट्स का बड़ा खुलासा; आज शिक्षा विभाग सौंप सकता है रिपोर्ट
नीरजा मोदी स्कूल की चौथी कक्षा की छात्रा की मौत का मामला: क्या बुलीइंग की शिकायत पर एक्शन नहीं लेना पड़ा भारी?
NDTV Reporter

Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल (Neerja Modi School) में चौथी कक्षा की छात्रा अमायरा  की दुखद मौत के मामले (Amayra Death Case) में शिक्षा विभाग की टीम की जांच अब निर्णायक मोड़ पर आ गई है. इस संवेदनशील मामले में जांच कर रही टीम आज, गुरुवार को राज्य सरकार को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंप सकती है. हालांकि, रिपोर्ट आने से पहले ही जांच में कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जो इस घटना की गंभीरता को और बढ़ा देते हैं. सबसे बड़ा खुलासा अमायरा के क्लासमेट्स ने किया है, जिसने पूरे मामले में संदेह की सुई को और गहरा कर दिया है.

वह स्कूल नहीं आना चाहती थी: क्लासमेट्स का बयान

शिक्षा विभाग की टीम ने अमायरा की कक्षा में पढ़ने वाले कई बच्चों से बातचीत की. इस दौरान कक्षा के दो विद्यार्थियों ने जांच टीम को बताया कि घटना वाले दिन अमायरा ने उनसे कहा था कि वह स्कूल नहीं आना चाहती थी. यह बयान बेहद महत्वपूर्ण है. एक 9-10 साल की बच्ची का स्कूल आने से मना करना, खासकर तब जब वह स्कूल के अंदर ही गंभीर हादसे का शिकार हो गई, कई अनसुलझे सवाल खड़े करता है.

माता-पिता से पूछताछ कर सकती है जांच सदस्यों की टीम

क्या अमायरा को स्कूल में कोई मानसिक परेशानी थी? क्या वह किसी दबाव में थी? वह किस कारण से स्कूल आने से बच रही थी, इसकी जानकारी बच्चे नहीं दे पाए, लेकिन यह बयान घटना के पीछे के कारणों की ओर इशारा करता है. जांच टीम अब इस बयान की पुष्टि और आगे की जानकारी के लिए अमायरा के माता-पिता और परिजनों से भी पूछताछ कर सकती है.

बुलीइंग के आरोपों पर स्कूल प्रशासन कठघरे में

इस हादसे के बाद अमायरा के परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका दावा है कि अमायरा को स्कूल में बुली (Bullying) किया जाता था, यानी अन्य बच्चों द्वारा उसे तंग किया जाता था. परिजनों ने यह भी बताया कि उन्होंने इस बुलीइंग की शिकायत सितंबर में स्कूल में की थी. इससे पहले 1 साल पहले भी वे स्कूल को इस बारे में सूचित कर चुके थे. परिजनों का आरोप है कि उनकी बार-बार की शिकायतों के बावजूद स्कूल प्रशासन ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया. अगर ये आरोप सही साबित होते हैं, तो स्कूल प्रशासन की जवाबदेही पर बड़े सवाल खड़े हो सकते हैं.

जांच टीम का शुरुआती संकेत: 'बैड वर्ड' का इस्तेमाल

जांच टीम के अध्यक्ष और जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) रामनिवास शर्मा ने शुरुआती जांच में कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं का ज़िक्र किया था. उन्होंने बताया था कि कुछ बच्चे क्लास में 'बैड वर्ड' (अभद्र शब्दों) का इस्तेमाल कर रहे थे. इसकी शिकायत दो बच्चों ने क्लास टीचर से भी की थी. सीसीटीवी फुटेज में टीचर सभी बच्चों को समझाते हुए दिखाई दे रहे हैं. यह भी पता चला कि अमायरा दो बार टीचर से मिलने गई थी. हालांकि, शर्मा ने इस बात की पुष्टि नहीं की कि किसी बच्चे ने अमायरा को 'बैड वर्ड' कहा था. 

शिक्षा मंत्री ने दिया था 2 दिन का समय

इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बुधवार को ही कहा था कि राज्य की जांच टीम को अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए अतिरिक्त दो दिन का समय दिया गया है. उम्मीद है कि यह टीम आज अपनी जांच पूरी करके सरकार को सौंप सकती है. इस रिपोर्ट के आधार पर ही स्कूल प्रशासन और संबंधित शिक्षकों के खिलाफ आगे की कार्रवाई तय होगी.

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