विज्ञापन

SMS मेडिकल कॉलेज में सभी सुपरिंटेंडेंट ने वापस लिया इस्तीफा, काम पर लौटने का किया फैसला

चिकित्सा मंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को बैठक हुई, जिसमें एक दस सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. जो 10 दिन में सरकार को सुझाव देगी.

SMS मेडिकल कॉलेज में सभी सुपरिंटेंडेंट ने वापस लिया इस्तीफा, काम पर लौटने का किया फैसला

Rajasthan News: राजस्थान में प्रशासनिक पदों पर तैनात डॉक्टरों के प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने के निर्णय पर मंगलवार को बैठक हुई. इस बैठक में चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर भी शामिल हुए, जिसमें 10 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जो सरकार को सुझाव देगी. चिकित्सा मंत्री के साथ बैठक के बाद इस्तीफा देने वाले एसएमएस मेडिकल कॉलेज के सभी सुपरिंटेंडेंट अपने फैसले से पलट गए और उन्होंने इस्तीफा वापस लेने का फैसला किया है. इसी के साथ ही वे सभी अब वापस काम पर लौटेंगे.

चिकित्सा मंत्री ने सुनाई खरी-खरी

चिकित्सा मंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में चिकित्सा शिक्षा आयुक्त डॉ. इकबाल, चिकित्सा शिक्षा सचिव अंबरीश कुमार समेत सवाईमानसिंह मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी, अतिरिक्त प्रिंसिपल, अस्पतालों के अधीक्षक और राजस्थान मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टर शामिल हुए. बैठक में चिकित्सा मंत्री ने अस्पताल अधीक्षकों को खरी-खरी सुनाई और कहा कि अस्पतालों में होने वाली आगजनी, आए दिन प्लास्टर गिरने, गलत खून चढ़ाने से होने वाली मौतों, पार्किंग, सुरक्षा व्यवस्था और अन्य हादसों के चलते सरकार की छवि खराब होती है.

10 दिन में सरकार को सुझाव देगी कमेटी

ऐसे में इन समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए यह निर्णय लागू किया गया है, लेकिन डॉक्टर भी हमारे परिवार के सदस्य हैं. इसीलिए इनकी बात भी सुननी जरूरी है. इसीलिए ये बैठक बुलाई गई. जिसमें अस्पताल अधीक्षकों से इन समस्याओं के समाधान के बारे में पूछा गया और एक दस सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. जिसमें चिकित्सा विभाग के अलावा राजस्थान मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि, अस्पताल अधीक्षक भी शामिल किए हैं. कमेटी 10 दिन में सरकार को सुझाव देगी.

इसके बाद राजस्थान मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के डॉक्टरों ने अपने इस्तीफे लेने, आंदोलन स्थगित करने और काम पर लौटने की बात कही. चिकित्सा मंत्री ने कहा कि डॉक्टर्स ओपीडी में मरीज देखते हैं. फिर घर पर मरीज देखते हैं तो प्रशासनिक व्यवस्था कैसे सुदृढ हो पाएगी. उन पर काम का ज्यादा दबाव है और उसे कम करके मरीजों के हित में ये फैसला लागू किया है. उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स से सुझाव मांगे है, लेकिन फैसले को लागू करना या नहीं करना सरकार का एकाधिकार है.

सरकार के आदेश के बाद दिया था इस्तीफा

बता दें कि हाल में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल, नियंत्रक और संबद्ध अस्पतालों के अधीक्षक को निजी प्रैक्टिस करने पर रोक लगा दी गई. आदेश में कहा गया था कि अब इन पदों पर कार्यरत चिकित्सक निजी क्लीनिक पर मरीज नहीं देख सकेंगे.

आदेश जारी होते ही मेडिकल कॉलेजों में नाराजगी फैल गई. इस आदेश के बाद, कांवटिया, जेके लोन, गणगौरी सहित एसएमएस से संबद्ध अस्पतालों के अधीक्षको अपने इस्तीफे लेकर कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी से मिलने पहुंचे. जिसके बाद राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन ने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार आदेश वापस नहीं लेती तो सभी अधीक्षक सामूहिक इस्तीफा देंगे.

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close