
जैसलमेर-जोधपुर हाइवे पर दोपहर लगभग 3 बजे बस में आग लग गई
PTI
राजस्थान में जैसलमेर के पास जोधपुर जा रही एक स्लीपर बस में आग लगने से अब तक 21 यात्रियों की जलकर मौत हो गई. हादसे में 15 यात्री घायल हैं जिनका जोधपुर में इलाज चल रहा है. इनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है. मृतकों के शव बुरी तरह जल चुके हैं और उनकी पहचान डीएनए टेस्ट से ही संभव है. आइए समझते हैं कि अब तक इस हादसे के बारे में क्या-क्या पता है.
- अधिकारियों ने बताया है कि जिस बस में आग लगी वह एक प्राइवेट स्लीपर बस थी. यह बस जैसलमेर से लगभग 3 बजे जोधपुर के लिए रवाना हुई. जैसलमेर से जोधपुर की दूरी लगभग 250 किलोमीटर है और बस रात तक जोधपुर पहुंच जाती.
- राजस्थान पुलिस ने बताया है कि बस जैसलमेर से निकलकर जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर थोड़ी ही दूर चली थी जब बस के पिछले हिस्से से धुआं निकलना शुरू हुआ. बताया जा रहा है कि जैसलमेर से निकलने के 10 मिनट बाद ही यह हुआ. ड्राइवर को जब इसका पता चला और उसने बस रोक दी. लेकिन, कुछ ही पल में बस में आग लग गई और वह लपटों में घिर गई. एक चश्मदीद ने यह भी बताया कि बस में धमाके जैसी आवाज़ आई थी.
- बताया जा रहा है कि बस में 57 यात्री सवार थे. इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. बहुत सारे यात्री दिवाली की छुट्टियों में अपने घर या रिश्तेदारों के पास जा रहे थे. लेकिन जैसलमेर से बस ने मुश्किल से 10 किलोमीटर का सफर किया था जब इसमें आग लग गई.
- बस में आग लगी देख सबसे पहले स्थानीय लोग और राहगीर भागे और उन्होंने सवारियों को बचाने की कोशिश की. उस समय वहां से एक वॉटर टैंकर भी जा रहा था और उसके पानी से भी आग बुझाने की कोशिश की गई. बहुत सारे यात्री किसी तरह बाहर निकल पाए. लेकिन कई यात्रियों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला क्योंकि बस में एक ही निकास था. इनमें से 19 यात्रियों ने वहीं दम तोड़ दिया जिनमें कई बच्चे और महिलाएं भी थीं. बाद में 1 घायल यात्री की जोधपुर अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई. अगले दिन, बुधवार 15 अक्टूबर को 10 साल के एक और घायल बच्चे ने जोधपुर में दम तोड़ दिया.
- हादसे की सूचना मिलने के थोड़ी देर बाद फायर ब्रिगेड की टीम और पुलिस मौके पर पहुंची. बचाव कार्य में सेना के जवानों ने भी मदद की जो पास ही में एक सैन्य केंद्र पर तैनात थे. हालांकि बताया जा रहा है कि एंबुलेंस के पहुंचने में देर हुई और उसमें पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी.
- सबसे पहले घायलों को जैसलमेर के जवाहर हॉस्पिटल ले जाया गया. बाद में गंभीर रूप से घायल लोगों को जोधपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल ले जाया गया जहां बर्न इन्ज्यूरी यूनिट है. हादसे में 16 लोग घायल हैं जिनमें से 11 की हालत गंभीर है. इनमें से 5 वेंटिलेटर पर हैं और 6 मरीजों का आईसीयू में इलाज हो रहा है.
- हादसे में मारे गए 20 यात्रियों के शव अभी जोधपुर में हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखे गए हैं. उनकी पहचान उनके संबंधियों के डीएनए से की जा रही है जिसके लिए सैंपल लिए जा रहे हैं. कई मृतकों के परिजन जोधपुर पहुंच चुके हैं.
- बस हादसे की वजह के बारे में अभी तक निश्चित जानकारी नहीं मिल पाई है और कहा जा रहा है कि जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा. लेकिन इसके पीछे फिलहाल 3 बातें कही जा रही हैं. चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा है कि संभवतः बस में लगे सेंट्रल एसी के कंप्रेसर में विस्फोट हुआ जिससे इतनी भयानक आग लगी. दूसरी बात यह भी कही जा रही है कि शायद शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी. साथ ही, यह भी कहा जा रहा है कि बस के सामान रखने के कक्ष में शायद पटाखे रखे हुए थे जिनसे आग भड़की. बस के ड्राइवर और खलासी हादसे के बाद भाग गए थे. पुलिस अब उनसे और बुकिंग एजेंट से पूछताछ कर रही है.
- हादसे के बाद प्राइवेट स्लीपर बस की स्थिति पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि यह नई बस थी और इसने 1 अक्टूबर से ही जैसलमेर-जोधपुर मार्ग पर संचालन शुरू किया था. लेकिन कहा जा रहा है कि यह बस एक सामान्य बस थी जिसे मॉडिफाइ कर स्लीपर बस में बदल दिया गया था.
- हादसे पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समेत तमाम नेताओं ने संवेदना प्रकट की है. प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50 हज़ार रुपये के मुआवजे की घोषणा की है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के साथ पहले विशेष विमान से जैसलमेर और जोधपुर पहुंचे और दुर्घटनास्थल तथा अस्पताल का दौरा किया.
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