'सेवा परमो धर्म' मिशन को लेकर देशभर के दिग्गजों का जैसलमेर में जुटान, सेमिनार के जरिए देंगे सेवा का संदेश

Jaisalmer Seminar: सेवाः परमो धर्म के थीम पर जैसलमेर में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है. इस सम्मेलन में देश भर के नामचीन वक्ता, विद्वान और अन्य लोग शामिल होंगे.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते आयोजक मंडली के सदस्य.

Jaisalmer Seminar: इस समय दुनिया के कई देशों में युद्ध के हालात बने हैं. इस बीच जैसलमेर में सेवा परमो धर्म के मिशन को लेकर देशभर के दिग्गज और विद्वान दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हो रहे है. इस दो दिवसीय कार्यक्रम में कई प्रसिद्ध वक्ता, विद्वान और कॉर्पोरेट नेता प्राचीन भारतीय ज्ञान से प्रेरित सेवा की भावना या "सेवा" को बढ़ावा देने में कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) और मानव संसाधन (एचआर) प्रथाओं की भूमिका पर चर्चा करने के लिए एक साथ आएंगे. कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के सहयोग से "सेवाः परमो धर्म" थीम के तहत एचआर-सीएसआर पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है. 

बताया गया कि मानव संसाधन और सामुदायिक सामाजिक जिम्मेदारी को विश्व कल्याण और मानव सेवा में कैसे उपयोग में लिया जाए, यह एक महत्वपूर्ण विषय है. इस सेमिनार के पहले दिन के सत्र में ज्ञानयोग के माध्यम से सेवा, कर्मयोग के माध्यम से सेवा, उपासना योग के माध्यम से सेवा और ज्ञान निष्ठा विषय पर चर्चा, मंथन और मनन होगा.

Advertisement

डॉ. विनय सहस्रबुद्धे,  पद्मश्री निवेदिता भिड़े का भी संबोधन

18 और 19 अक्टूबर को होने वाले इस सम्मेलन में कई प्रतिष्ठित अतिथि, कंपनियों के हेड शामिल होंगे. उद्घाटन समारोह में अन्य उल्लेखनीय वक्ताओं के अलावा आरएमपी, मुंबई के उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे और विवेकानंद केंद्र की उपाध्यक्ष पद्मश्री निवेदिता भिड़े का संबोधन भी शामिल है. मुख्य विषय और सत्रः सम्मेलन में तीन मुख्य दृष्टिकोणों से सेवा की मौजूदा अवधारणा और संभावनाशील विषयों पर चर्चा होगी.

Advertisement

कंपनियां अपने सीएसआर के प्रयासों को कैसे बढ़ाएं... होगी चर्चा

ज्ञान योग के माध्यम से सेवा प्राचीन भारतीय शिक्षाओं से प्राप्त ज्ञान आधुनिक सीएसआर पहलों का मार्गदर्शन कैसे कर सकता है, इस पर ध्यान केंद्रित करने वाला एक महत्वपूर्ण सत्र होगा. कर्म योग के माध्यम से सेवा सफल सीएसआर परियोजनाओं पर प्रकाश डालना और यह पता लगाना कि कंपनियाँ अपने सामाजिक उत्तरदायित्व प्रयासों को कैसे आगे बढ़ा सकती हैं.

Advertisement

मानव संसाधन पेशेवरों की भूमिका पर होगी चर्चा

उपासना योग के माध्यम से सेवा संगठनों के भीतर सेवा की संस्कृति को बढ़ावा देने में मानव संसाधन पेशेवरों की भूमिका पर चर्चा. प्रत्येक सत्र में विशेषज्ञों द्वारा वार्ता, उसके बाद खुली चर्चा और कार्रवाई योग्य परिणामों पर मतदान शामिल होगा. सम्मेलन का उद्देश्य स्पष्ट, व्यावहारिक रणनीतियाँ तैयार करना है जिन्हें पूरे भारत में विभिन्न सीएसआर पहलों में लागू किया जा सकता है.

एमपी के मंत्री धमेंद्र सिंह लोधी के संबोधन से होगा समापन

इस आयोजन से बौद्धिक चर्चाओं के अलावा, ज्ञान निष्ठा सत्रों की एक प्रभावी संवाद श्रृंखला की अनूठी शुरूआत होगी. साथ ही देशभर में काम करने वाले बड़े समूहों के माध्यम से सांस्कृतिक और नेटवर्किंग के अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे. अंतिम दिन यानि कि 19 अक्टूबर को दो दिवसीय संवाद, मनन, चिंतन और मंथन के बाद सामने आए बिंदुओं पर निर्णय किए जाएंगे. इसके बाद 19 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी के सम्बोधन के बाद समापन होगा.

यह भी पढ़ें - Winter Season में टूरिज्म का लुत्फ उठाने के लिए घूम आइए जैसलमेर, रोमांच से भरपूर होगी रेगिस्तान की ये ट्रिप