
Rajasthan News: जैसलमेर के बासनपीर गांव में 1835 में बनी छतरियों को लेकर हुए विवाद के बाद प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है. तनाव की स्थिति को देखते हुए गांव में धारा 163 लागू कर दी गई. साथ ही प्रशासन ने बासनपीर गांव में जाने पर भी रोक दिया है. यह आगामी 2 महीने तक जारी रहेगा. प्रशासन की ओर से यह कदम बीते गुरुवार को असामाजिक तत्वों द्वारा बासनपीर में पत्थरबाजी की घटना के बाद उठाया है.
नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील
उपखंड मजिस्ट्रेट जैसलमेर सक्षम गोयल ने बताया कि तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए बासनपीर गांव में धारा 163 लागू कर दिया गया है. इस दौरान पांच से अधिक लोगों के इकट्ठे होने पर प्रशासन ने रोक लगाई. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए थईयात फांटा पर 2 दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. नागरिकों से अपील की गई कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें, शांति बनाए रखें और प्रशासन का सहयोग करें.
प्रशासन का यह आदेश
- कोई भी व्यक्ति ग्राम बासनपीर जूनी की सीमा के भीतर अपने पास विस्फोटक पदार्थ, आग्नेय शस्त्र जैसे रिवाल्वर, पिस्तौल, राइफल, बन्दूक और एम.एल. गन लेकर नहीं घूमेगा.
- इसके अलावा गंडासा, फरसा, तलवार, भाला, कृपाल, चाकु, छुरी, बरछी, गुप्ती, खाखरी, वल्लभ, कटार, घारिया, बघनख (शेरपंजा) जैसे हथियार साथ लेकर नहीं चल सकेगा. हालांकि, सिख समुदाय के व्यक्तियों को कृपाण रखने की छूट रहेगी.
- बासनपीर जूनी की सीमा में किसी भी प्रकार की सभा, रैली, जुलूस एवं प्रदर्शन बिना पूर्व सक्षम अनुमति लिए नहीं निकाले जायेंगे.
- यह आदेश उन व्यक्तियों पर जो राजकीय ड्यूटी के दौरान अपने पास हथियार रखने को अधिकृत हैं, पर लागू नहीं होगा.
- कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिक सद्भावना को ठेस पहुंचाने वाले नारे नहीं लगायेगा, न ही इस प्रकार का भाषण, उदद्बोधन देगा.,
- साम्प्रदायिक सद्भावना को ठेस पहुंचाने वाले किसी भी प्रकार पोस्टर व पम्पलेट छापने या बांटने पर प्रतिबंध रहेगा.
- बासनपीर गांव में किसी भी स्थान पर एक समय में 05 या 05 से अधिक व्यक्ति एक जगह पर एकत्रित नहीं हो सकेंगे.
- बिना पूर्व अनुमति लिए लाउडस्पीकर, एम्पलीफायर, ध्वनि प्रसारक यन्त्रों का उपयोग नहीं कर सकेंगे. साथ ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों को निर्धारित डेसीबल ध्वनि से अधिक ध्वनि से नहीं बजायेंगे. निर्धारित समयावधि के अलावा ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग वर्जित रहेगा.
किसने बनवाई थी छतरी
दरअसल, बासनपीर गांव में रियासतकालीन वीर झुंझार रामचंद्र जी सोढ़ा और हदूद जी पालीवाल की स्मृति में छतरियों का निर्माण हुआ. 1835 में तत्कालीन महारावल गज सिंह ने इन छतरियों का निर्माण करवाया. इन छतरियों को लेकर विवाद उस समय शुरू हुआ, जब 2019 में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़ दिया गया. बाद में झुंझार धरोहर बचाओ संघर्ष समिति के विरोध पर तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई.
झुंझार धरोहर बचाओ संघर्ष समिति, हिंदु संगठनों सहित आम लोगों के आंदोलन के बाद साल 2021 मे कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर दो पक्षों से बातचीत के बाद प्रशासन की मौजूदगी में काम शुरू हुआ था, लेकिन फिर दो दिन बाद ही तनाव के माहौल के चलते प्रशासन के आग्रह पर काम रोका गया था.
यह भी पढे़ं- जैसलमेर में गरमाया 1835 में बनी छतरियों का विवाद, जमकर हुई पत्थबाजी, 20 महिलाएं डिटेन