कम बारिश से मुरझाए किसानों के चेहरे, 5 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद होने का खतरा बढ़ा

जालोर जिले में पिछले 30 दिनों में जिले में एक बूंद बारिश नहीं हुई है, जिससे फसलें मुरझाने लगी है, जिसका सबसे अधिक नुकसान  3.25 लाख हेक्टेयर बाजरा की फसल का हुआ है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

राजस्थान में अगस्त महीने में हुई कम बारिश ने किसान के फसल लगभग चौपट कर दिया है. फसलों के बर्बाद होने की संभावना से किसान हलकान हुए जा रहे है. बताया जाता है कि बारिश के अभाव चलते प्रदेश के जालोर और सांचौर जिले की फसलों पर बर्बाद होने का खतरा बढ़ गया है. इसकी आंशका में वहां किसानों के चेहरे मुरझाने लगे हैं. 

रिपोर्ट के मुताबिक जालोर और संचौर जिले में 5 लाख हेक्टेयर फसलों के बर्बाद होने का खतरा बढ़ गया है. इसकी प्रमुख वजह अगस्त महीने में बारिश का कम होना है. अगस्त महीने में बारिश की बेरूखी के चलते जिले के किसान सिर्फ 0.75 लाख हेक्टेयर में सिंचाई कर फसलें बचाने की जुगत में है. 

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गौरतलब है कि पिछले 30 दिनों में जिले में एक बूंद बारिश नहीं हुई है, जिससे फसलें मुरझाने लगी है, जिसका सबसे अधिक नुकसान  3.25 लाख हेक्टेयर बाजरा की फसल का हुआ है. दरअसल, जिले के 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र केवल बारिश पर निर्भर है. किसानों का दावा जिले में इसबार कुल बुवाई पर लगभग 3.60 अरब खर्च हुआ है. 

उल्लेखनीय है इस बार राजस्थान में मानसून में देरी के चलते अगस्त महीने में 86 वर्ष बाद सबसे कम बारिश हुआ है. कम बारिश का सीधा असर किसानों को होता है, क्योंकि बारिश की पानी पर निर्भरता उनकी फसलों को बर्बाद कर देती है, जिससे किसान अपनी लागत भी निकाल पाने में अक्षम होते हैं.

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