राजस्थान में बारिश की कमी के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो रही है. इस साल अगस्त के महीने में 86 साल बाद सबसे कम बारिश हुई है. राजस्थान में अगस्त के महीने में औसत बारिश 155 एमएम होती हैं, लेकिन इस बार राजस्थान में अगस्त माह में पूरे 86 साल बाद सबसे कम बारिश मात्र 30.9 मिलीमीटर ही बारिश हुई है.
गौरतलब है वर्ष 86 वर्ष 1905 में अगस्त महीने में राजस्थान में 15.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज कई गई थी. इससे पूर्व वर्ष 1937 में अगस्त में 27.4 मिलीमीटर, 2002 में इसी महीने में 52 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई थी, जबकि वर्ष 2005 में अगस्त महीने में 48.3 मिलीमीटर बारिश हुई थी, और अब 2023 में अगस्त हीने में महज 30.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की है, जो पिछले 86 वर्ष में सबसे कम बारिश दर्ज की गई है.
हालांकि इस वर्ष प्रदेश में बिपरजॉय के कारण अच्छी बारिश हुई है, लेकिन खरीफ की फसलों के लिए अगस्त माह में बारिश की आवश्यकता होती है. राजस्थान में बरसात नहीं होने के चलते किसान भी चिंतित हैं. इससे प्रदेश में बाजरा, ग्वार ,मोठ, मूंग, तिल आदि की फसले नष्ट हो रही है, जिसके कारण किसानों का सिर दर्द बढ़ गया है.
एक स्थानीय किसान शंकर लाल यादव ने बताया कि पानी की कमी की वजह से वह पूरी तरह से मानसून पर आश्रित है, इसलिए उसने मुख्यत ग्वार और बाजरा की बुवाई की थी. समय पर मानसून आने पर अच्छी उम्मीद जगी थी कि इस बार बहुत अच्छी फसल होगी, लेकिन बारिश में बहुत लंबा अंतराल होने के कारण अब उसकी फसल लगभग खराब हो चुकी है.
किसान ने कहा कि अब कोई उम्मीद नहीं है और अगर बरसात होती भी है तो उसे कोई फायदा नहीं है, क्योंकि 10 से 15 दिन में फसल की कटाई का समय हो जाएगा. दुखी मन से अपनी व्यथा बताते हुए किसान ने कहा कि अब चिंता यह है कि बीज का पैसा कैसे देगा और जो किसान क्रेडिट कॉर्ड लिया है वो उसका पैसा कहां से जमा करेगा.
उल्लेखनीय है राजस्थान में किसान खरीफ की फसलों में बाजरा, ग्वार, मूंग और मूंगफली की फसलों की पैदावार की जाती हैं, लेकिन इन फसलों के लिए अगस्त के महीने में होने वाली मानसून बारिश काफी मत्वपूर्ण होती है. इस बार पूरे माह बारिश नहीं होने के कारण अब राजस्थान के किसानों का कहना है कि इस वर्ष खरीफ की फसलों के बीजों की लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है.