राजस्थान में झालावाड़ जिला चेरापूंजी के नाम से जाना जाता है, लेकिन इस बार मानसून ने किसानों को धोखा देने से किसान हलकान है. जिले में इस बार औसत से भी कम बारिश होने से किसानों की फसल चौपट होने की कगार है. यही वजह है कि अब किसान इंद्रदेव को खुश करने के लिए तमाम कोशिश शुरू कर दिया है.
गौरतलब है इस मानसून में झालावाड़ में 497 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई, जबकि झालावाड़ में औसत बारिश 1000 मिलीमीटर होती है.जिले के लगभग 3 लाख हेक्टेयर में किसानों द्वारा सोयाबीन, मक्का, मूंगफली, उड़द और ज्वार के फसलों की बुवाई की गई है. इनमें सबसे ज्यादा ढाई लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई की गई है, लेकिन बारिश की कमी से फसलों के चौपट होने का खतरा बढ़ गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक जिले में कई जगह पहाड़ी इलाकों की फसलें सूख गई हैं. हालांकि किसान फसलों को बचाने के कई जतन कर रहे है, जो नाकामी साबित हो रही हैं. झालावाड़ के किसानों ने हर बार की तरह इस बार भी अच्छे मानसून की उम्मीद की थी, क्योंकि झालावाड़ जिले में हमेशा ही ही मेहरबान रहता है, लेकिन इस बार जब मानसून ने दगा दिया, तो परेशान किसान अब भगवान से गुहार लगा रहे है ताकि उनके फसलों को जीवनदान मिल सके.