जालौर की ग्राम पंचायतों में लगे कचरे के ढेर, ठेकेदार ने नहीं दिया महीनों से सफाईकर्मियों का वेतन; VDO और सरपंच कर रहे अनदेखी

राजस्थान के जालौर जिले की ग्राम पंचायतों में सफाई व्यवस्था की लापरवाही के कारण कचरे और गंदगी की समस्या बढ़ गई है. बागरा ग्राम पंचायत के वार्ड नंबर 10 सहित कई क्षेत्रों में गंदा पानी और कचरे के ढेर लगे हुए हैं, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है.

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जालौर में ग्राम पंचायतों लगा कचरे का ढेर.

Rajasthan News: राजस्थान के जालौर जिले की ग्राम पंचायतों में गंदगी के कारण लोगों को बहुत परेशानी हो रही है. जिले की बागरा ग्राम पंचायत के वार्ड नंबर 10 के गलियों में भरा गंदा पानी भरा हुआ है. जिकि वजह से लोगों का चलना भी मुश्किल हो रहा है. जिसका वार्ड वासियों ने विरोध भी किया लेकिन, सरपंच और वीडीओ इसकी अनदेखी कर रहे हैं.

बागरा राजकीय अस्पताल और राजकीय विद्यालय सहित ग्राम पंचायत की गलियों और बस स्टैंड पर कचरे के ढ़ेर लगे हुए हैं. यह गंदगी बागरा, सियाणा, रायपुरिया, दिगाव, बाकरा, बिबलसर ग्राम पंचायत में है. यह यहां के सरपंच और सफाई करने वाले ठेकेदार की लापरवाही है. 

गांवों में लगे कचरे के ढेर

आपको बता दें कि राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर सफाई के लिए टेंडर जारी किए गए हैं, लेकिन ठेकेदारों की लापरवाही के कारण सफाई व्यवस्था ठीक से नहीं हो पा रही है. सफाई कर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिलने के कारण वे सफाई कार्य नहीं कर रहे हैं. इससे गांवों में कचरे के ढेर लगे हुए हैं और पॉलीथिन का खुला प्रयोग हो रहा है, जिससे निराश्रित गौवंश पॉलीथिन खाने से मर रहे हैं

फरवरी से नहीं मिला सफाईकर्मियों को वेतन

रायपुरिया ग्राम पंचायत के सफाई कर्मियों ने बताया कि उन्हें फरवरी से अब तक वेतन नहीं मिला है. जिसके कारण उन्होंने सफाई करना बंद कर दिया है. ठेकेदारों का दावा है कि वे रोज सफाई करवा रहे हैं और फोटो खींचकर प्रशासन को भेज रहे हैं, लेकिन एनडीटीवी की टीम ने ग्राम स्तर पर जाकर देखा कि सफाई व्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ाई हुई है.

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ठेकेदार ने बात करने से किया मना

इस मामले में ठेकेदारों ने संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं दिया और एनडीटीवी रिपोर्टर से बात करने से इनकार कर दिया. इस स्थिति में ग्राम पंचायत स्तर पर सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रशासन को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है. सफाई कर्मियों को समय पर वेतन दिया जाना चाहिए और ठेकेदारों की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.

भरत राजपुरोहित की रिपोर्ट

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