Jat Andolan: ‘2017 से 4 गुना बड़ा आंदोलन होगा’, जाट नेता बोले- ‘जब हम चाहेंगे तब भीड़ आएगी’

Jat Reservation Issue: राजस्थान से शुरू हुआ जाट आंदोलन केंद्र और राज्य सरकार की मुसीबतें बढ़ा सकता है. जाट नेता ने सरकार को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे आंदोलन को कमजोर समझने की भूल सरकार नहीं करे. हम जब चाहेंगे भीड़ तब आएगी. 2017 से चार गुना बड़ा आदोलन खड़ा होगा.

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Jat Reservation Issue: केंद्र सरकार की सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में शुरू हुआ जाट आंदोलन (jat reservation movement) अब जोर पकड़ने लगा है. शनिवार को धरना स्थल पर लगातार दूसरे दिन बड़ी संख्या में महिलाएं हाथों में लाठी-डंडा और कुल्हाड़ी-तलवार सहित अन्य हथियार लिए पहुंचीं. इधर संघर्ष समिति ने सरकार को 22 जनवरी का डेडलाइन देते हुए 23 जनवरी से आंदोलन उग्र करने की चेतावनी दी है. संघर्ष समिति का कहना है कि यदि 22 जनवरी तक हमारी मांगें नहीं मानी गई तो हम हाईवे के साथ-साथ दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर देंगे. मालूम हो कि भरतपुर-धौलपुर जाट समाज (Bharatpur Dholpur Jat Reservation Struggle Committee) द्वारा उच्चैन उपखंड के गांव जयचौली में 17 जनवरी से महापड़ाव दिया जा रहा है. शनिवार को महापड़ाव का तीसरा दिन है. 

जाट नेता बोले- 2017 से 4 गुना बड़ा होग आंदोलन

इस जाट आरक्षण आंदोलन में जिले भर से जाट समाज के लोगों के साथ महिलाएं भी शामिल हुईं है. आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा सरकार को 22 जनवरी तक अल्टीमेटम दे रखा है. शनिवार को जाट आंदोलन संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि 22 जनवरी के बाद यह आंदोलन संघर्ष समिति के हाथों से जाट समाज के लोगों के हाथों में चला जाएगा फिर सरकार को वार्ता के लिए समय नहीं मिलेगा और यह आंदोलन 2017 की बजाय चार गुना बड़ा होगा. 22 जनवरी तक गांधीवादी तरीके से यह आंदोलन चल रहा है भीड़ जिस दिन चाहेंगे उसे दिन भूला देंगे.

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राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा तक शांतिपूर्ण आंदोलन

भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया सरकार की तरफ से शुक्रवार शाम को उपखंड अधिकारी और एडिशनल एसपी वार्ता का संदेश लेकर के आए थे. उन्होंने कहा आप वार्ता किससे करना चाहोगे तो हमने उनसे कहा हम वार्ता तो क्या करेंगे हमें आरक्षण चाहिए आपको जिससे भी उचित लगे उससे वार्ता करा दीजिए लेकिन सिर्फ मांग एक ही है आरक्षण की.

जब तक यह आरक्षण नहीं मिलेगा यह आंदोलन जारी रहेगा. संघर्ष समिति ने तय किया था जब तक अयोध्या में श्री राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है तब तक यह गांधीवादी तरीके से चलेगा. आंदोलनकारियों की संख्या जिस दिन हम चाहेंगे उस दिन बढ़ा देंगे.

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22 जनवरी शाम 5 आरक्षण संघर्ष समिति सर्व सम्मति से निर्णय लेगी और यह आंदोलन 2017 से 4 गुना बड़ा होगा और जाट समाज अब की आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए मूड में है .इसके लिए सरकार सीधे तौर पर जिम्मेदार होगी. 

सीएम से सहानुभूति दिखाते हुए दिया ये संदेश

आरक्षण संघर्ष समिति ने सरकार को वार्ता के लिए 25 दिसंबर से 7 जनवरी, 7 जनवरी से 17 जनवरी और बाद ने  22 जनवरी तक समय दिया है. इसके दो मूल कारण है एक राम मंदिर का कार्यक्रम और दूसरा राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा भरतपुर जिले के निवासी हैं. हम लोगों पर यह आरोप नहीं लगे कि सीएम भरतपुर के होने के बाबजूद भी जाट समाज ने उपद्रव मचाया.

जाट नेता ने आगे कहा कि हम अपनी बात सूझबूझ और समझदारी से ऊपर तक पहुंचा रहे हैं. प्रशासन को वार्ता के लिए 16 सदस्यों के नाम की सूची सौंप है. संदेश में मुख्यमंत्री से वार्ता की बात कही है लेकिन समय अभी तय नहीं हुआ है. सरकार को मांग मानने का समय 22 जनवरी शाम 5 बजे तक है उसके बाद आंदोलन के जो भी रास्ते होंगे वह अपने जाएंगे.

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