Rajasthan News: केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण की मांग को लेकर जाट समुदाय के लोग भरतपुर में धरने पर बैठे हैं. जाट संघर्ष समिति ने कोई रास्ता निकालने के लिए सरकार को 22 जनवरी तक का समय दिया है. उसके बाद उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. इस दौरान गुरुवार को बड़ी तादाद में महिलाएं भी धरना स्थल पर पहुंचीं. फिलहाल शांतिपूर्वक धरने के कारण धरना स्थल पर अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. धरने पर बैठे लोग लोकगीत गा रहे हैं और उन पर थिरक रहे हैं. यही उनके समय बिताने का तरीका है. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी ठंड से बचाव के लिए अलावा का सहारा ले रहे हैं.
लोक गीतों पर थिरक रहे लोग
केंद्रीय सरकार की नौकरियों में ओबीसी वर्ग में लाभ आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर और धौलपुर के जाट पिछले चार दिन से उच्चैन उपखंड के गांव जयचोली में शांतिपूर्ण तरीके से महापड़ाव डाले हुए हैं. हर रोज महापड़ाव में अलग-अलग तरह के रंग दिखाई दे रहे हैं. शुक्रवार को जाट समाज की महिलाए हाथों में लाठियां लहराती हुईं महापड़ाव में पहुंची तो वहीं रात में मनोरंजन के लिए जाट समाज के नेता डांस करते हुए नजर आए है.
केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण की मांग को लेकर जाट समुदाय के लोग भरतपुर में धरने पर बैठे है. जाट संघर्ष समिति ने कोई रास्ता निकालने के लिए सरकार को 22 जनवरी तक का समय दिया है, उसके बाद उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. इसी दौरान धरना स्थल पर अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. #Rajasthan pic.twitter.com/GEwxu6mF9Z
— NDTV Rajasthan (@NDTV_Rajasthan) January 20, 2024
भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक नेम सिंह फौजदार पहले ही कह चुके है कि 22 जनवरी तक यह आंदोलन गांधीवादी तरीके से चलेगा और इन दिनों बीच-बीच में मनोरंजन के लिए अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. रात्रि के समय महापड़ाव में रुके जाट समाज के नेता मनोरंजन के लिए लोक संगीत की धुनों पर थिरकते नजर आए.
23 जनवरी से उग्र आंदोलन की चेतावनी
आरक्षण संघर्ष समिति पहले ही चेतवानी दे चुकी है कि अगर सरकार द्वारा 22 जनवरी तक मांग नहीं मानी गई तो 23 जनवरी से दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया जाएगा. इसी चेतवानी को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से महापड़ाव के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. पुलिसकर्मियों का सर्दी से बचाव के लिए एकमात्र सहारा अलाव बना हुआ है.
सरकार ने मांगे 16 वार्ताकारों के नाम
भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक नेम सिंह फौजदार का कहना है कि 22 जनवरी शाम 5 बजे तक का वार्ता के लाए सरकार के पास समय है .उसके बाद जाटों के गांव को जोड़ने वाले छोटे बड़े रास्तों के साथ छोटी बड़ी रेल लाइनों पर धरना देंगे। इसी चेतवानी को देखते हुए जिला प्रशासन के अधिकारी महापड़ाव स्थल पर वार्ता का संदेश लेकर पहुंचे और वार्ता के लिए 16 सदस्यों के नाम मांगे हैं.
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