झालावाड़ में वन कर्मियों पर 2 महीने में 3 बार हमला, हाथ पर हाथ रख देख रहा प्रशासन; सात कर्मचारी घायल 

राजस्थान के झालावाड़ जिले में वन कर्मियों पर हमले बढ़ रहे हैं. पिछले दो महीने में तीसरी घटना में अकलेरा के आमेठा में अतिक्रमण हटाने गई टीम पर भीड़ ने पथराव किया. इस घटना में सात कर्मी घायल हो गए. 

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झालावाड़ जिले में वन कर्मियों पर पिछले दो महीने में 3 बार हमला हुआ है.

Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ जिले में वन विभाग के कर्मचारियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पिछले दो महीनों में वन कर्मियों पर यह तीसरा बड़ा हमला हुआ है. गुरुवार को अकलेरा रेंज के आमेठा वन क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने पहुंची वन विभाग की टीम पर 30-35 लोगों ने हमला कर दिया.

जिसमें हमलावरों ने पथराव किया, सरकारी वाहनों को तोड़ा और कर्मचारियों को दौड़ाया. इस घटना में क्षेत्रीय वन अधिकारी विक्रम सिंह सहित सात वन कर्मी घायल हो गए. सभी को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.  

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अतिक्रमण हटाने पर भड़का विवाद

अकलेरा रेंज के रेंजर राजेंद्र मीणा ने बताया कि आमेठा क्षेत्र में वन भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत मिली थी. इस सूचना पर अकलेरा और झालावाड़ की संयुक्त गश्ती टीम JCB के साथ मौके पर पहुंची. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू होते ही स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया. विरोध बढ़ते ही भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया, जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं. हमलावरों ने सरकारी वाहनों को निशाना बनाया और कर्मचारियों को खदेड़ा. वन कर्मियों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई.  

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पुलिस ने शुरू की जांच

अकलेरा थाना प्रभारी भूपेश शर्मा ने बताया कि वन विभाग की शिकायत पर 8-10 नामजद और 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. आरोपियों पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, राजकाज में बाधा डालने और हमला करने के आरोप लगाए गए हैं. पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है.  

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दो महीने में तीसरा हमला

झालावाड़ में वन कर्मियों पर हमले की घटनाएं थम नहीं रही हैं. पिछले दो महीनों में यह तीसरी बड़ी घटना है. इससे पहले देवरी घटा के पास अवैध खनन रोकने गए वन कर्मियों पर दो बार हमला हो चुका है. इन हमलों ने वन विभाग की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. स्थानीय लोग अवैध खनन और अतिक्रमण रोकने की कार्रवाई से नाराज हैं, जिसके चलते वन कर्मी बार-बार निशाना बन रहे हैं.

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