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This Article is From Oct 07, 2023

Rajasthan: वसुंधरा राजे के विधानसभा क्षेत्र में किसान-व्यापारियों के बीच चल रहा शह-मात का खेल, जानें पूरा मामला?

कृषि उपज मंडी झालरापाटन की सचिव डॉक्टर हेमलता मीणा अव्यवस्थाओं की बात तो स्वीकार करती हैं, किंतु उनको दुरुस्त करने की बात कहते हुए अन्य बातों को नकार रही हैं.

Rajasthan: वसुंधरा राजे के विधानसभा क्षेत्र में किसान-व्यापारियों के बीच चल रहा शह-मात का खेल, जानें पूरा मामला?

Rajasthan News: झालरापाटन की महाराजा हरिश्चंद्र कृषि उपज मंडी में इन दिनों किसानों और व्यापारियों के बीच शह और मात का खेल चल रहा है. व्यापारी बार-बार मंडी परिसर में अत्यधिक माल होने की बात कहकर मंडी बंद करने लगते हैं. वहीं किसानों का आरोप है कि जानबूझकर यहां की व्यवस्थाएं खराब की जा रही हैं, ताकि सोयाबीन की बंपर आवक के होने के चलते माल के दम घटाएं जा सकें और व्यापारी उनका माल सस्ती दरों में खरीद सकें.

दरअसल, मंडी के मैदान में किसान अपना माल खाली करते हैं, जहां माल की बोली लगाई जाती है और माल बेचा जाता है. लेकिन किसानों का आरोप है कि ना तो बोली टाइम पर लग पा रही है, और ना ही यहां से माल टाइम पर उठ रहा है. ऐसे में स्वाभाविक है कि मंडी तो जाम होगी ही. किसानों और जानकारों का कहना है कि यदि माल को यहां से टाइम पर उठाया जाए और बोरियों में समय से पैक करके यार्ड में व्यवस्थित तरीके से जमा दिया जाए तो व्यवस्था किसी भी प्रकार से खराब नहीं होगी.

रोजाना गिर रहे माल के दाम

देखने वाली बात है कि झालरापाटन की इस महाराजा हरिश्चंद्र कृषि उपज मंडी में दूर-दूर से किसान अपनी सोयाबीन की फसल बेचने आए हैं, क्योंकि इस बार झालावाड़ में सोयाबीन की पैदावार अच्छी है. ऐसे में सोयाबीन की जोरदार आवक हो रही है और मंडी परिसर इसको संभालने में भी सक्षम है. किंतु अवस्थाओं के चलते यहां बार-बार काम बंद करना पड़ रहा है जिससे सबसे ज्यादा किसान परेशान हो रहे हैं. कुछ किसान तो ऐसे हैं जो अपना माल‌ नहीं बिकने के कारण पिछले तीन दिनों से यहां पर डेरा डाले हुए हैं, लेकिन उनका माल नहीं बिक रहा है. वहीं माहौल ऐसा बन गया है कि दिन प्रतिदिन भाव गिरते जा रहे हैं जो किसानों को और भी ज्यादा चिंतित कर रहे हैं.

मंडी प्रशासन ने क्या कहा?

एक तरफ व्यापारी कह रहे हैं कि आवक बहुत ज्यादा है, जिसके चलते मंडी को बंद करना पड़ रहा है ताकि यहां की व्यवस्थाएं संभाली जा सकें. वहीं दूसरी तरफ किसान आरोप लगा रहे हैं कि माल इतना ज्यादा नहीं है कि रोकना पड़े. किसानों का कहना है कि यहां इतने बड़े-बड़े व्यापारी हैं कि एक दिन की पूरी आवक का माल एक ही व्यापारी खरीद ले. किंतु किसानों की कमर तोड़ने और भाव नीचे लाने के लिए यह सब किया जा रहा है. वहीं मामले का जो तीसरा पक्ष है वह कृषि उपज मंडी प्रशासन है. कृषि उपज मंडी झालरापाटन की सचिव डॉक्टर हेमलता मीणा अव्यवस्थाओं की बात तो स्वीकार करती हैं, किंतु उनको दुरुस्त करने की बात कहते हुए अन्य बातों को नकार रही हैं.

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