झुंझुनूं के सूबेदार का सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, 13 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि 

राजस्थान के झुंझुनूं जिले के सूबेदार की हरियाणा के हिसार में ड्यूटी के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद उनका पार्थिव शरीर उनके गांव लाया गया और उनको पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई.

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सूबेदार को अंतिम विदाई देते हुए भारतीय सेना के जवान.

Rajasthan News: राजस्थान में झुंझुनूं जिले के सुखराम का बास के रहने वाले सूबेदार संदीप श्योराण की ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई. सूबेदार की उम्र 40 साल थी और फिलहाल उनकी पोस्टिंग 633 ईएमई बटालियन हिसार हरियाणा में थी. जानकारी के अनुसार, बुधवार को सूबेदार संदीप श्योराण को ड्यूटी के दौरान सीने में दर्द की शिकायत हुई थी. जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया.

जहां पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इसके बाद गुरुवार(28 नवंबर) दोपहर को सूबेदार संदीप श्योराण की पार्थिव देह उनके पिलानी के राजपुरा मोहल्ले स्थित निवास पर लाई गई. जिसके बाद पूरे सैन्य सम्मान के साथ सूबेदार का अंतिम संस्कार किया गया. 

13 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि 

इस दौरान पत्नी अनार देवी सहित सैंकड़ों की संख्या में लोग सूबेदार की देह के अंतिम दर्शन और श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे. पार्थिव देह को  राजपुरा मोहल्ले पिलानी से उनके गांव सुखराम का बास तक ले जाया गया. इस दौरान युवाओं ने 10 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली. वहीं सूबेदार संदीप श्योराण के 13 साल के पुत्र क्रिस्टल ने उनको मुखाग्नि दी. इस मौके पर जिला सैनिक कल्याण अधिकारी सुरेश जांगिड़ ने बताया कि सूबेदार संदीप श्योराण के परिवार के साथ सैनिक कल्याण बोर्ड हमेशा खड़ा है और परिवार को सभी पैकेज दिलाए जाएंगे. 

2019 में बने थे सूबेदार

आपको बता दें कि संदीप श्योराण के पिता दीपचंद श्योराण भी सेना में कैप्टन रह चुके है. वहीं उनके बड़े भाई विकास श्योराण भी सेना से रिटायर है. वे अपने बेटे को डॉक्टर बनाना चाहते थे. यही कारण था कि पिछले दो सालों से उनकी पत्नी अनार देवी बेटे की पढाई के लिए झुंझुनूं रहती थी. सूबेदार संदीप 2001 में आर्मी में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे. इसके बाद 2011 में वह हवलदार मेजर बने. जिसके बाद 2014 में नायब सूबेदार और पांच साल पहले 2019 में सूबेदार बने.

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